OpsBreaking

Education department: भर्ती परीक्षाओं में पहली बार अजीब नियम, मौजूदा जिला चुनने पर 10 बोनस अंक मिलेंगे.

 
Education department

Education department:शिक्षा विभाग की ओर से हिन्दी मीडियम स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों और स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूलों में प्राचार्य और शिक्षकों व अन्य पदों पर नियुक्ति के लिए भर्ती चयन परीक्षा का आयोजन किया गया। लंबे समय से तबादलों का इंतजार कर रहे शिक्षकों को खुद के गृह जिले में जाने का मौका मिलने से परीक्षा में काफी उत्साह नजर आया।

राज्यभर में 17500 पदों पर नियुक्ति के लिए 51,870 शिक्षक परीक्षा में शामिल हुए। यानि कि अब एक पद पर तीन शिक्षकों में मुकाबला है। उधर, शिक्षा विभाग ने पहली बार भर्ती परीक्षाओं में अजीब शर्त लागू की है, जिसमें मौजूदा जिले का विकल्प चुनने पर शिक्षकों को 10 बोनस अंक दिए जाएंगे। ऐसे में मेरिट के बाद भी गृह जिले में जाने के लिए बोनस अंकों का पेंच आने से कई शिक्षकों के अरमानों पर पानी फिर सकता है। इसको लेकर शिक्षकों में मायूसी बनी हुई है।


40% पर पास, बोनस अंक से मेरिट पर असर

शिक्षा विभाग की ओर से चयन परीक्षा के लिए 40 प्रतिशत न्यूनतम उत्तीर्णांक निर्धारित किए गए हैं। 40 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों की मेरिट बनाई जाएगी। 10 बोनस अंक जोड़ दिए जाने से मेरिट पर काफी असर पड़ जाएगा। प्रदेश में अब तक किसी भी भर्ती परीक्षा से चयन में बोनस अंकों का प्रावधान नहीं है। भर्ती परीक्षा की मेरिट को ही चयन का मापदंड माना गया है। मगर अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में शिक्षकों को भेजने के लिए अजीब शर्त के साथ बोनस का प्रावधान लागू किया गया है।


आंसर-की इसी सप्ताह, 5 सितंबर तक परिणाम

शिक्षा विभाग की ओर से प्राप्त जानकारी के अनुसार चयन परीक्षा की आंसर-की इसी सप्ताह जारी कर दी जाएगी। आंसर-की पर आपत्तियां मांगी जाएगी, जिनके निस्तारण के बाद में 5 सितम्बर तक परिणाम घोषित किया जा सकता है।


65.36 प्रतिशत ने दी परीक्षा, दोहरे आवेदन से संख्या घटी

प्रदेश की 3737 महात्मा गांधी व 134 स्वामी विवेकानंद स्कूलों में 17500 पदों पर भर्ती के लिए चयन परीक्षा का आयोजन करवाया गया। विभाग को परीक्षा के लिए 87785 शिक्षकों के आवेदन मिले थे। मगर कई शिक्षकों के दोहरे आवेदन होने से परीक्षा के लिए पंजीकृत 79350 शिक्षक ही रहे। इनमें से 51870 शिक्षकों ने परीक्षा दी जबकि 27480 शिक्षक परीक्षा देने नहीं पहुंचे। यानि कि करीब 65.36 प्रतिशत शिक्षक परीक्षा में शामिल हुए।