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हरियाणा का एक होनहार छात्र दो बार jEE पास करके छोड़ा IIT कॉलेज, UPSC पास कर IAS के पद को भी दिया इस्तीफ़ा ।

हरियाणा का एक होनहार छात्र दो बार jEE पास करके छोड़ा IIT कॉलेज, UPSC पास कर IAS के पद को भी दिया इस्तीफ़ा ।
 
गौरव कौशल की कहानी

हरियाणा का एक होन हार छात्र जिसने जी पास करके आईटीआई कॉलेज को छोड़ दिया बिट्स पिलानी जैसा प्रतीक हिंदी इंजीनियरिंग संस्थान छोड़ा फिर यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा पास करके IAS के पद को भी इस्तीफा दे दिया और अब वह एक बहुत ही दिलचस्प  काम कर रहा है जो लाखों छात्रों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है।

गौरव कौशल की कहानी से हमें यह प्रेरणा मिलती है की असली कामयाबी समाज की उम्मीदों को पूरा करने में नहीं बल्कि खुद को खोजने और सपनों की दिशा में आगे बढ़ाने में है आज के समय में हम अक्सर डिग्री और नौकरियों से लोगों की सफलता को जाचते हैं लेकिन गौरव की कहानी इस सोच को चुनौती देती है आईटीआई से पढ़ाई छोड़ने वाले विटस पिलानी को भी दरकिनार करने वाले और यूपीएससी की परीक्षा में 38 वे रैंक लाने वाले गौरव ने अपनी जिंदगी में कई अजीब फैंस ले लिए हैं और उन्हें अपनी मेहनत से साबित कर दिखाया।

गौरव हरियाणा के पंचकूला शहर से हैं पढ़ाई में हमेशा ही होशियार थे गौरव ने आईटीआई की परीक्षा पास की ओर आईटीआई दिल्ली में दाखिला लिया लेकिन जल्दी उन्हें एहसास हो गया कि इंजीनियरिंग उनके लिए नहीं है इन्हें आईटीआई छोड़ दी और प्रतिष्ठ इंजीनियरिंग कॉलेज बिटस पिलानी में कंप्यूटर साइंस में बीटेक से दाखिला ले लिया लेकिन वह भी मन नहीं लगा और आखिरी कर उन्होंने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से अपनी डिग्री पूरी की गौरव को हमेशा ही चुनौतियों से प्यार था.

इसलिए उन्होंने यूपीएससी परीक्षा देने का फैसला किया 2012 में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास कि और इंडियन डिफेंस स्टेट सर्विस में नौकरी शुरू कर दी सिविल सर्विस की नौकरी में उन्हें देशभर  सेवा की जमीन की देखभाल का काम सोपा गया 12 साल तक ईमानदारी से नौकरी करने के बाद भी गौरव को फिर से लग रहा था कि कुछ अधूरा है सब को ईरान करते हुए गौरव ने अपनी इस की नौकरी को छोड़ दिया अब गौरव का एक ही सपना था अगली पीढ़ी के लिए यूपीएससी उम्मीदवारों का मार्गदर्शन करना आज गौरव का सफल मेटर सीप प्रोग्राम चलते हैं वह अपने यूट्यूब चैनल और गौरव कौशल ऐप के माध्यम से हजारों छात्रों तक पहुंचे कर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए निजी मार्गदर्शन देते हैं।

गोरव कौशल की कहानी यह साबित करती है की सच्ची कामयाबी समाज के मानदंडों पर खरा उतरकर लोगों की उम्मीदों को पूरा करने में नहीं है बल्कि खुद की पसंद और खुशी खोजने से है उन्होंने एक सुरक्षित सरकारी नौकरी छोड़ दी और अपने जुनून को जीना था और अपने फैसले पर उन्हें विश्वास था।