57,700 वेतनमान और पदनाम बदलवाने की मांग 12 प्राध्यापक पहुंचे हाईकोर्ट, सीडीएलयू को नोटिस

चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी के 12 प्राध्यापक (पार्ट टाइम टीचर) अब हाई कोर्ट की शरण में पहुंच गए हैं। समान काम-समान वेतन (अनुबंधित टीचर्स के समान) और पदनाम बदलवाने (पीटीपी की बजाय अनुबंधित सहायक प्रोफेसर) की मांग को लेकर दाखिल याचिका को हाई कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। न्यायालय ने सीडीएलयू सहित उच्चतर शिक्षा विभाग, फाइनेंस और यूजीसी को भी नोटिस भेजकर तलब कर लिया है।
सीडीएलयू प्रशासन कैंपस में विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए तीन प्रकार से प्राध्यापकों की नियुक्ति करता है। नियमित प्राध्यापक जो सीधी भर्ती में शामिल होते हैं। नियमित प्राध्यापकों की कमी के कारण अनुबंध के आधार पर भी प्राध्यापकों की भर्ती की गई थी जिन्हें सरकार के निर्देश पर योग्यता पूरी होने पर 5700 प्रतिमा वेतन दिए जाने का
प्रावधान है। इसके अलावा टेंपरेरी बेस पर पढ़ाने के लिए पार्ट टाइम टीचर्स (पीटीटी) की भी अस्थाई नियुक्ति की जाती है। हालांकि पार्ट टाईम टीचर्स को नियुक्ति पत्र नहीं दिया जाता।
सीडीएलयू के 12 पार्ट टाइम टीचर्स ने फरवरी माह में प्रशासन को मांग पत्र सौंपा जिसमें मांग की कि उन्हें पार्ट टाइम टीचर्स की बजाय अनुबंधित सहायक प्रोफेसर का नाम दिया जाए क्योंकि वे उनके समान (वर्कलोड) ही पढ़ाते हैं। दूसरी मांग है कि पीटीटी को छुट्टियों का भी पूरा वेतन दिया जाए। तीसरी मांग है कि पीटीटी को अनुबंधित प्राध्यापक की तरह ही 57700 वेतन प्रतिमाह दिया जाए क्योंकि उनका वर्कलोड और योग्यताएं अनुबंधित प्राध्यापकों के ही समान है। लेकिन सीडीएलयू ने उनके • मांगपत्र को अस्वीकार करते हुए रद्द कर दिया।
सीडीएलयू के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचे पीटीटी
सीडीएलयू की ओर से मांगपत्र रिजेक्ट किए जाने और स्पीकिंग ऑर्डर जारी करने के बाद अब 12 पीटीटी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका को स्वीकार कर लिया है और सीडीएलयू सहित उच्चतर शिक्षा विभाग और अन्य पार्टियों को नोटिस भेजकर तलब कर लिया है। पीटीटी ने याचिका में बताया है कि सीडीएलयू की वेबसाइट पर भी कुछ अनुबंधित और पार्ट टाइम प्राध्यापकों को नियमित प्राध्यापक के रूप में दर्शाया गया है। इसके स्क्रीनशॉट भी न्यायालय के समक्ष पेश किए। न्यायालय ने अपने ऑर्डर में इनका जिक्र करते हुए सभी पक्षों को आगामी सुनवाई के लिए 22 नवंबर को पेश होने के आदेश दिए हैं और नोटिस जारी कर दिया है।
न्यायालय में दायर की है याचिका: डॉ. रवि
* सीडीएलयू की ओर से याचिकाकर्ताओं के विरुद्ध 16 अगस्त को पारित स्पीकिंग आदेश मनमाना और अवैध है। इसलिए, हमने समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग को लेकर न्यायालय में स्पीकिंग आदेश को चुनौती दी है। याचिका स्वीकार कर ली गई है और सुनवाई शुरू हो गई है। सीडीएलयू सहित अन्य पक्षों को न्यायालय की ओर से नोटिस भी जारी कर दिया गया है। अब अगली सुनवाई 22 नवंबर को निर्धारित की गई है।