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 हरियाणा के किसानों पर पड़ा सीधा असर, इजरायल-ईरान युद्ध से रोज हो रहा भारी नुकसान, जानें 

1509 धान को 1900 से लेकर₹2400 रुपये प्रति क्विंटल तक खरीदा जा रहा है। जबकि पिछले वर्ष 1509 की खरीद की शुरुआत ₹2700 प्रति क्विंटल से हुई थी। मोटा मोटा अंदाजा लगाएं तो 300 रुपये प्रति क़्वींटल के हिसाब से अभी घाटा लग रहा है
 
 हरियाणा के किसानों पर पड़ा सीधा असर, इजरायल-ईरान युद्ध से रोज हो रहा भारी नुकसान

OPS Breaking- Haryana News: इजरायल-ईरान के बीच युद्ध (Israel-Iran War Hindi) ने पूरी दुनिया की अर्थवयवस्था को हिला के रख दिया है। कही ना कहीं हर देश को नुकशान उठाना पड़ रहा है।  अधिक जानकरी के लिए बता दे की शुरू होने से मंडियों में धान की खरीद पर काफी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। भारत का धान ईरान में निर्यात किया जाता है। युद्ध के डर के कारण मिल मालिक धान खरीदने के लिए मंडियों में नहीं आ रहे हैं। जिसके चलते हरियाणा के साथ साथ तमाम देश के किसानों को नुकशान हो रहा है। 

अधिक जानकारी के लिए बता दे की 1509 धान को 1900 से लेकर₹2400 रुपये प्रति क्विंटल तक खरीदा जा रहा है। जबकि पिछले वर्ष 1509 की खरीद की शुरुआत ₹2700 प्रति क्विंटल से हुई थी। मोटा मोटा अंदाजा लगाएं तो 300 रुपये प्रति क़्वींटल के हिसाब से अभी घाटा लग रहा है। 

आढ़तिया को डर भी शता रहा है और वो चिंतित  भी हैं। यदि युद्ध समाप्त नहीं होता है, तो मिल मालिक धान खरीदने के लिए मंडियों में नहीं आएगा और वह अपने किसानों का धान कहां रखेगा, यह उसके लिए सबसे बड़ा सवाल बन गया है। 

सरकार केवल पीआर धान की खरीद कर रही है। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। नवंबर के महीने में किसानों को रबी की बुवाई के लिए उर्वरक और डीएपी उर्वरक खरीदने पड़ते हैं।


धान का स्टॉक एक समस्या 
युद्ध के कारण डीजल की कीमतें भी बढ़ने की उम्मीद है। जबकि अधिकांश कृषि कार्य डीजल से किया जाता है। किसान युद्ध के प्रभाव को लेकर बहुत चिंतित हैं। इस तरह अगर कोई खरीदार नहीं मिलता है तो उनके धान को रखना मुश्किल हो जाएगा।