किसान आंदोलन के दम पर चुनाव जितने वाले नेताओं की हुई जमानत जब्त, लोगों को रास नहीं आई किसानों के नाम पर राजनीती, Haryana Election Result

OPS breaking, Haryana Election Result: हरियाणा में किसान आंदोलन के दम पर जीत की तैयारी कर रहे नेता को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा। किसानों को आगे कर जित के सपने देख रहे नेता को मात्र 1170 वोट मिले। हरियाणा के इतिहास में लगातार तीसरी बार हरियाणा में बीजेपी सरकार बनाने जा रही है और उन्हें पूर्ण रूप से बहुमत मिला है। इस बार उन्हें किसी निर्दलीय या पार्टी को जरूरत नहीं पड़ी।
अधिक जानकारी के लिए बता दे की बीजेपी पिहोवा सीट पर हार जरूर गई है, लेकिन किसानों की आवाज बुलंद करने वाले गुरनाम सिंह चढूनी को भी इस सीट पर जीत नहीं मिली है। गुरनाम सिंह चढूनी को महज 1170 वोट मिले हैं और इस सीट पर कांग्रेस के मनदीप चट्ठा ने यहाँ अच्छी तरह अच्छे मार्जन से जीत हासिल की है ।
अधिक जानकरी के लिए बता दे की गुरनाम चढूनी संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के सदस्य थे, जो 40 कृषि संघों का एक समूह है, जिसने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से अधिक लंबे तक किसानों के साथ डट कर खड़े रहे थे, लेकिन चुनाव में वो सब कुछ काम नहीं आया।
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने साल 2021 में अपनी राजनीतिक पार्टी ‘संयुक्त संघर्ष पार्टी’ बनाई थी और कहा था कि उनका मकसद राजनीति को “शुद्ध” करना और अच्छे लोगों को आगे लाना हैष इसके बाद 2022 में पंजाब विधानसभा चुनाव में भी उनकी पार्टी उतरी थी, लेकिन वहां भी इस पार्टी का कुछ नहीं बना था। शायद लोगों को किसानों के नाम पर राजनीतिकरण करने वाले पसंद नहीं आ रहे है।