छात्राओं को शिक्षा के साथ-साथ संस्कारवान बनाना हमारी नैतिक जिम्मेदारी : सुनील शास्त्री
पिल्लूखेड़ा स्थित माता चनन देवी कन्या गुरुकुल में विद्यार्थी मिलन समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में आचार्य सुनील शास्त्री ने मुख्यातिथि के तौर पर तथा विद्यालय कमेटी प्रधान जयदेव आर्य ने विशेष रुप से शिरकत की। इस अवसर पर गुरुकुल की छात्राओं को वेद प्रचार के माध्यम से अपनी लुप्त होती संस्कृति व नैतिक कर्तव्यों से अवगत कराया गया। कार्यक्रम में वर्तमान व पूर्व के विद्याथर््िायों भी मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता गुरुकुल की प्रधानाचार्या ज्योति छिबर ने की।
छात्राओं को शिक्षा के साथ-साथ संस्कारवान बनाना हमारी नैतिक जिम्मेदारी
आचार्य सुनील शास्त्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि गुरुकुल में छात्राओं को शिक्षा के साथ-साथ संस्कारवान बनाना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव में आकर हमारे युवा अपनी प्राचीन संस्कृति की महानता को भूलते जा रहे हैं। प›िमी देशों द्वारा हमारे महापुरुषों व पूर्वजों के बारे में अनाप-शनाप दुष्प्रचार करके उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि योगेश्वर श्री कृष्णा कितने महान थे तथा उनके चरित्र को लेकर समाज में किस प्रकार भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं। आज समाज में उन्हें माखन चोर के नाम से जाना जाता है जबकि उनके पिता के पास 90 लाख गायें थी।
बच्चों को करवा वेदों का अध्ययन
शास्त्री ने अभिभावकों से आह्वान करते हुए कहा कि हमें अपने बच्चों को संस्कारवान बनाना होगा। हमें अपनी प्राचीन संस्कृति की तरफ लौटना होगा। हमें वेदों का अध्ययन करना होगा। वेदों के माध्यम से ही हम अपनी संस्कृति को समा पाएंगे। गुरुकुल की प्रधानाचार्य ज्योति ने कहा कि एक लड़के के संस्कारवान होने से एक परिवार का भला होता है जब एक लड़की संस्कारवान बनती है तो दो परिवार संवरते हैं। इसलिए हमें लड़कियों की शिक्षा पर बल देना होगा। लड़कियों को सुसंकारित शिक्षा देनी होगी। तभी समाज तरक्की कर पाएगा। क्योंकि एक लड़के की अपेक्षा लड़की के कंधों पर समाज की जिम्मेदारी ज्यादा होती है। इस दौरान छात्राओं द्वारा नशा मुक्ति, कन्या भ्रूण हत्या तथा राष्ट्रीय एकता पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।