जल जीवन मिशन स्कीम के तहत बन रहे जलघर के निर्माण में सरपंच ने लगाया था धांधली का आरोप शाहपुरिया में जलघर का निर्माण कर रहे ठेकेदार को विभाग का नोटिस

जल जीवन मिशन स्कीम के तहत गांव शाहपुरिया में बनाए जा रहे जलघर निर्माण कार्य में धांधली के आरोप लगने के बाद पब्लिक हेल्थ विभाग हरकत में आया है। विभाग के एसडीओ ने ठेकेदार के खिलाफ नोटिस जारी करके कार्य में पाई गई कमियों को पूरा करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि एसडीओ के इस नोटिस को पढ़कर पता लग रहा है कि विभाग ने ठेकेदार के निर्माण कार्य को पहले से ही क्लीनचिट दे रखी है।
जिसमें लिखा हुआ है कि समीक्षा निरीक्षण कर कार्य पूर्ण कर कर दिया गया। अगर कार्य पूर्ण कर दिया गया है तो अब सरपंच की ओर से धांधली के आरोप लगाने के बाद कमियां किस प्रकार से निकल रही है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है। ग्रामीणों का कहना है कि इस धांधली को उजागर करने के लिए किसी अन्य अधिकारी के नेतृत्व में एसआईटी बनाकर इसकी जांच करवाई जाए। जिसमें निर्माण सामग्री, पाइप, सरिया और सीमेंट तक की क्वालिटी की जांच होनी चाहिए। एस्टीमेट के मुताबिक कार्य हुआ है या नहीं। इसका प्रमाण गांव को देना चाहिए।
3 करोड़ 80 लाख रुपये की लागत से हो रहा जलघर का निर्माण
गांव के सरपंच राजकुमार की ओर से 3 करोड़ 80 लाख रुपये के बजट से बन रहे जलघर के मामले में भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के बाद विभाग हरकत में आया है। अब नोटिस मिलने के बाद ठेकेदार ने निर्माण में रखी गई कमियों को ठीक करना शुरू किया है। लेकिन ग्रामीण कह रहे हैं कि इस मामले की उचित जांच होना जरूरी है। ग्रामीणों को शक है कि विभाग ने कार्य पूर्ण होने से पहले कागजों में कार्य पूर्ण दिखाकर पेमेंट भी कर दी है। इस मामले की भी जांच होनी चाहिए।
सरपंच ने यह लगाए थे आरोप, सीएम को लिखा था फफा
गांव के सरपंच राजकुमार की ओर से जल जीवन मिशन स्कीम के तहत बन रहे जलघर के मामले में बनाए जा रहे जलघर के कार्य पर सवालिया निशान लगाते हुए सीएम को पत्र लिख दिया है। सरपंच राजकुमार ने पत्र में लिखा है कि उनके गांव में बनाए जा रहे जलघर में ठेकेदार और जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मिलीभगत करके बड़े स्तर का भ्रष्टाचार करके धांधली की जा रही है। जलघर के लिए प्रयोग की जा रही आरसीसी पाइप आईएसआई मार्का लगाने की बजाय घटिया स्तर की प्रयोग की गई हैं। जो निर्माण कार्य पूरा होने से पहले ही लीकेज होने लगी हैं।
इतना ही नहीं बनाए जा रहे वाटर टैंक, बूस्टिंग सिस्टम के कार्यों में प्रयोग किया जा रहा सरिया निम्नस्तर का है। कोई कंपनी का नहीं। घटिया स्तर का सरिया प्रयोग किया गया है। वह भी नक्शे और एस्टीमेट के मुताबिक जितना सरिया लगना चाहिए उसके मुकाबले काफी कम है। घटिया स्तर की निर्माण साम्श्री प्रयोग की गई है। पाइपों से तो पानी अभी से लीकेज होने लगा है। वहीं बूस्टिंग सिस्टम में दरार भी आ गई है।