सिरसा, रानियां और चौपटा के सरकारी अस्पतालों में दी जा रही सुविधाओं की समीक्षा,सरकारी अस्पतालों में मिलीं खामियां, निदेशक बोले- जल्द सुधार नहीं हुआ तो करूंगा सस्पेंड
हरियाणा स्वास्थ्य विभाग की ओर से आई जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर दी। रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जहां एक ओर सिरसा सिविल अस्पताल में व्यवस्था में खामियां मिली, वहीं दूसरी ओर रानियां और चौपटा स्थित स्वास्थ्य केंद्रों में भी लापरवाही सामने आई है। इस पर मेंटल चाइल्ड हेल्थ (एमसीएस) के निदेशक ने साफ शब्दों में व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि ऐसा नहीं हुआ तो इस बार सीधे सस्पेंशन ऑर्डर ही आएंगे।
नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) की ओर से 20 सदस्यीय टीम गुरुवार को सिरसा आई। एमसीएच के निदेशक डॉ. वीरेंद्र यादव के नेतृत्व में आई टीम में एसईपीओ डॉ. वीरेंद्र अहलावत, आयुष के प्रोजेक्ट ऑफिसर डॉ. परमवीर, आरबीएसके के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. मनवीर, प्रोजेक्ट ऑफिसर हरीश बिस्ट, डॉ. चंद्रशेखर, दिनेश कुमार, स्टेट डाटा मैनेजर प्रदीप कुमार, कृष्ण लाल, डॉ. यादवेंद्र सिंह शामिल रहे। ये टीमें सिरसा अस्पताल के साथ-साथ चौपटा, रानियां सहित जिले भर के स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंची। गहनता से जांच कर रिपोर्ट तैयार की गई। शुक्रवार को समीक्षा बैठक के दौरान प्वाइंट अनुसार खामियां और उपलब्धियां गिनवाई। साथ ही संबंधित अधिकारी से जवाब भी तलब किया गया।
सिरसा सिविल अस्पताल: एमटीपी को लेकर भी सिरसा अस्पताल में नियमानुसार नहीं हो रहा काम, व्यवस्था सुधारने के निर्देश
डॉ. वीरेंद्र अहलावत ने समीक्षा करते हुए बताया कि सिरसा सिविल अस्पताल के लेबर रूम में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नर्सिंग के सभी काम करते हुए पाई गई। नर्सिंग सिस्टर के द्वारा जो काम किए जाने चाहिए, वे काम चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कर रही थी। इस पर संबंधित अधिकारी को तुरंत प्रभाव से व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस काम के लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते, यदि कोई चूक हो गई तो। इसके अलावा ट्राइएज रूम को लेकर भी निर्देश दिए। ट्राइएज रूम में सुविधाओं का
अभाव मिला। इसके अलावा एमटीपी (मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी) को लेकर भी सिरसा अस्पताल में नियम अनुसार काम नहीं हो रहा। महिलाओं की पहचान गुप्त रखनी होती है। लेकिन यहां लापरवाही सामने आई। इसके लिए ओपीडी कार्ड की बजाय अलग कार्ड बनाने के निर्देश दिए और कोड (बिना पहचान उजागर किए) प्रयोग करने की हिदायत दी। सिरसा सिविल अस्पताल के पूरे कैंपस में ढीली लटकती तारों पर नाराजगी दिखाते हुए सुधार के निर्देश दिए।
रानियां: मरीज ले जा रहे निजी अस्पतालों में
रानियां स्थित कम्युनिटी हेल्थ सेंटर (सीएससी) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि यहां डिलीवरी केस तो बहुत आते हैं लेकिन अधिकतर को रेफर कर दिया जाता है। पता चला है कि यहां स्टाफ पूरा है लेकिन इसके बावजूद दिसंबर में 16 डिलीवरी हुई जबकि 32 को रेफर कर दिया गया। इसी प्रकार नवंबर में भी 25 डिलीवरी हुई और 32 को रेफर कर दिया गया। इस पर एमडी ने पूछा तो बताया गया कि रेफर होकर केस प्राइवेट (निजी अस्पतालों में) जा रहे हैं। इस पर एमडी ने कहा कि फ्लीट मैनेजर के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए। एमडी ने कहा कि एंबुलेंस का एमडीटी सिस्टम (मोबाइल डाटा टर्मीनल) बंद करने का धंधा बंद कर दो। उन्होंने कहा कि वक्त रहते सुधर जाओ नहीं तो सीधे सस्पेंशन होगी।
चौपटा : फील्ड में नहीं जा रहा स्टाफ, मॉनिटरिंग भी नहीं होती
चौपटा स्थित कम्युनिटी हेल्थ सेंटर (सीएससी) में दौरे के बाद डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि यहां अच्छा काम हो रहा था लेकिन स्टाफ फिल्ड में नहीं जा रहा। उन्होंने बताया कि पिछले हफ्ते विशेष टीकाकरण अभियान भी चलाया गया लेकिन इसके बावजूद यहां केवल एक ही सेशन केवल 23 दिसंबर को आयोजित किया गया। उन्होंने बताया कि एचएसवी स्टाफ फिल्ड में नहीं जाता और एएनएम इसकी मॉनिटरिंग भी नहीं करती है। पूछने पर एएनएम ने तर्क दिया कि आशा अच्छा काम करती है, इसलिए जरूरत नहीं पड़ती। इस पर व्यवस्था सुधारने के लिए कहा गया। किसी भी अभियान की रियल टाइम फोटोग्राफ्स नहीं की जाती।