15 विद्यार्थियों से शुरू की लाइब्रेरी, अब 100 से ज्यादा ले रहे निशुल्क लाभ, संगठन ने उपलब्ध करवाई सुविधाएं,रामपुरा बिश्नोइयां

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी को लेकर शहर में तो सुविधाएं मिल जाती हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए जिला के गांव रामपुरा बिश्नोइयां के युवा मित्रों ने मिलकर संगठन के बैनर तले गांव में ही लाइब्रेरी स्थापित कर दी। ताकि गांव के विद्यार्थियों को बाहर न जाना पड़े। दो साल पहले केवल 15 बच्चों के साथ शुरू की गई लाइब्रेरी में अब नियमित विद्यार्थियों की संख्या 100 से पार हो चुकी है।
पढ़ाई करने के लिए विद्यार्थी शहर आते हैं लेकिन घर में पढ़ाई का माहौल न होने के कारण कई बार उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के साथ-साथ रूटीन के पढ़ाई के लिए भी विद्यार्थियों को दिक्कत होती है। विद्यार्थियों की इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए गांव रामपुरा बिश्नोइयां के कुछ युवाओं ने मंथन के बाद लाइब्रेरी की सुविधा उपलब्ध करवाने बारे विचार किया और फैसला लिया।
ऐसे हुई शुरुआत, 15 बच्चों के लिए दी थी सुविधा
गांव में विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए एक कैंपस उपलब्ध करवाने बारे विचार हुआ। इसलिए गांव के युवाओं ने मिलकर बीआर अंबेडकर के बैनर तले वर्ष 2022 में लाइब्रेरी स्थापित की। प्रधान सतपाल बताते हैं कि शुरुआत में केवल 15-20 बच्चे ही लाइब्रेरी में आते थे और बैठने के लिए अधिक सुविधा भी नहीं थी। इसलिए दरी बिछाकर उन्हें पढ़ाया जाता था। इसके बाद धीरे-धीरे गांव के अन्य साथी राजेंद्र मास्टर, राजेश कुमार, लेखराम, दौलत राम, बबलू ने भी सहयोग दिया और लाइब्रेरी में सुविधाएं बढ़ी। आज लाइब्रेरी में चार कंप्यूटर सिस्टम, इंटरनेट सुविधा, एसी सहित अलग-अलग कैबिन भी बनाए गए हैं। यहां अब 100 से ज्यादा विद्यार्थी नियमित रूप से तैयारी करने और पढ़ने के लिए आते हैं।
पुस्तकें भी उपलब्ध, दूसरे गांवों से आ रही डिमांड
लाइब्रेरी संचालन करने वालों ने यहां विद्यार्थियों के लिए बाकायदा स्टडी मैटीरियल भी उपलब्ध करवाया है। करीब 50 हजार रुपये कीमत की किताबें भी अब तक खरीद की जा चुकी हैं। 200 से ज्यादा पुस्तकों में अधिकतर किताबें प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित हैं। प्रधान सतपाल बताते हैं कि गांव की लाइब्रेरी में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ती जा रही है, इसलिए स्पेस की कमी महसूस होने लगी है। अब आसपास के गांवों से भी डिमांड आने लगी है लेकिन प्राथमिकता गांव के विद्यार्थियों को ही दी जा रही है।
बेहतर सुविधाओं के लिए प्रयास कर रहे हैं: प्रधान
* लाइब्रेरी में सुविधाएं लगातार बढ़ा रहे हैं और प्रयास है कि गांव के विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए दिक्कतों का सामना ना करना पड़े। भविष्य में भी लगातार सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी।" - सतपाल, प्रधान, लाइब्रेरी।