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पीलीमंदोरी को बनाया केंद्र 35 दिन बाद भी शुरू नहीं हुई बाजरा खरीद

पीलीमंदोरी को बनाया केंद्र 35 दिन बाद भी शुरू नहीं हुई बाजरा खरीद
 
बाजरा खरीद

भट्टू क्षेत्र की मुख्य फसल माने जाने वाली बाजरा को समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए किसानों को खरीददार ही नहीं मिल रहा। बाजरा को समर्थन मूल्य पर खरीद करने के लिए भट्ट मंडी की बजाय गांव पीलीमंदोरी में खरीद केंद्र बना दिया गया। वहीं समर्थन मूल्य खरीद करने के लिए नियुक्त एजेंसी कभी खरीद केंद्र पर गई ही नहीं। खरीद केंद्र फिलहाल विरान पड़ा है। खाली पड़े केंद्र पर कुछ किसान अपनी धान की फसल ही सुखा रहे हैं। बाजरा की सरकारी खरीद शुरू होने के 35 दिन बीत जाने के बावजूद भी सरकारी आंकड़ों में सरकारी खरीद शून्य दर्ज है, लेकिन किसी भी अधिकारी ने संज्ञान नहीं लिया। भट्टू में मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर भट्ट क्षेत्र के 763 किसानों ने बाजरा फसल का रजिस्ट्रेशन करवाया है।

भट्ट क्षेत्र में बाजरे की सरकारी खरीद के लिए बने पीलीमंदोरी खरीद केंद्र पर समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए हैफेड को खरीद एजेंसी बनाया गया है। यहां पर हैफेड के लिए दी को. ऑपरेटिव मार्केटिंग सोसायटी खरीद का काम देखती है, लेकिन पीलीमंदोरी के खरीद केंद्र पर फिलहाल कोई व्यवस्था नहीं है। यहां के खरीद केंद्र तक पहुंचना सबसे बड़ी समस्या सड़क का पूरी तरह से टूटा होना है। सड़क का नवनिर्माण करने के लिए भट्टू से चौपटा मार्ग की सड़क को उखाड़ा गया है।

टूटी फूटी सड़क पर वाहन चलाना किसी खतरे से खेलने से कम नहीं है। बाजरा का समर्थन मूल्य 2625 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित कर रहा है। यहां पर सरकारी खरीद केंद्र बनाने के बावजूद भी सरकारी खरीद शुरू नहीं होने के कारण किसानों को प्रति क्विंटल करीब 200 से 300 रुपये का चूना लग रहा है। इस समस्या को लेकर किसान कई बार अधिकारियों के पास भी गए लेकिन कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला।

आखिरकार प्राइवेट खरीदार को बेचनी पड़ी फसलः छोटूराम

ट्ट के किसान छोटूराम ने बताया कि उन्होंने अपनी फसल मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाया था। वे अपनी करीब 70 क्विंटल बाजरा फसल को बेचने के लिए मंडी में गए, लेकिन सरकारी खरीद नहीं हो पाई। खरीद एजेंसी के पास भी गए लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिरकार उन्हें अपनी बाजरा फसल को प्राइवेट खरीददार को कम दामों पर बेचनी पड़ी।

501 क्विंटल बाजरे की हुई प्राइवेट खरीद : सचिव

* बाजरा फसल की यहां पर अभी तक कोई सरकारी खरीद नहीं हुई है। खरीद करने के लिए हैफेड को खरीद एजेंसी बनाया गया है। अब तक यहां 501 क्विंटल बाजरा की प्राइवेट खरीद हुई है। - महावीर सैनी, सचिव मार्केट कमेटी भट्टूकलां।


अभी तक नहीं हुई खरीद : मैनेजर

* यहां पर बाजरा की सरकारी खरीद करने के लिए पीलीमंदोरी को खरीद केंद्र बनाया गया है। अभी तक बाजरे की कोई सरकारी खरीद नहीं हुई है। आदेशों की पालना करते हुए खरीद का काम करेंगे। खरीद का काम आढ़ती के माध्यम से होना है। - सुभाष चंद्र, मैनेजर, दी कोप्रेटिव मार्केटिंग सोसायटी भट्टूकलां।