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दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर अब सफर होगा सुहाना, इस दिन से फर्राटा भरेंगें वाहन, हरियाणा के इन शहरों की बल्ले बल्ले 

एक्सप्रेसवे के दोनों ओर छह लेन के सर्विस रोड एक्सप्रेसवे के कुल 12 लेन का निर्माण किया गया है। मुख्य कैरिजवे छह लेन का है, जबकि दाएँ-बाएँ सर्विस रोड भी तीन लेन का है। मोटर चालक इस सर्विस लेन के माध्यम से मुख्य कैरिजवे का उपयोग कर सकेंगे।
 
 
Delhi-Mumbai Expressway
ops Breaking- Delhi-Mumbai Expressway:  दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर हर वयक्ति की निघाएं है। बता दे की इस एक्सप्रेसवे से कई राज्यों का सफर आसान होने वाला है।  वाहन चालक काफी समय से इस पर फरात भरने का सपना संजोये हुए है।  अधिक जानकारी के लिए बता दे की फरीदाबाद बाईपास पर निर्माणाधीन दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का काम पूरा हो गया है। केवल भार परीक्षण का काम बचा है। इसे इस महीने के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद इसे यातायात के लिए खोल दिया जाएगा। जिसके बाद यहाँ वाहन फर्राटा भर सकेंगें।  हरियाणा के लोगों का यह एक्सप्रेसवे सफर काफी सुगम करने वाला है। 

जिला सीमा में इस एक्सप्रेसवे के निर्माण की समय सीमा सितंबर थी, लेकिन इसे पूरा नहीं किया जा सका। यह देश के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे में से एक है। इसकी कुल लंबाई 1350 किलोमीटर है। इससे दिल्ली से मुंबई तक की यात्रा 12 घंटे में संभव हो जाएगी। 12 फरवरी 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के सोहना-दौसा खंड का उद्घाटन किया।

डी. एन. डी. फ्लाईओवर से कालिंदी कुंज तक के खंड का काम मार्च 2025 तक पूरा होने का दावा है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे दिल्ली में डीएनडी फ्लाईओवर से शुरू होता है। सेक्टर-62, साहूपुरा मोड़ से आगे का एक्सप्रेसवे तैयार है, यातायात भी शुरू हो रहा है। अब डी. एन. डी. फ्लाईओवर से साहूपुरा मोड़ तक एक्सप्रेसवे पर काम चल रहा है।

अधिकारियों के अनुसार कालिंदी कुंज से सेक्टर-62 तक के खंड पर काम पूरा हो चुका है। हर जगह अंडरपास बनाए गए हैं। इन सभी सड़कों को पक्का कर दिया गया है। ऐतमादपुर और बदौली के सामने एलिवेटेड सड़क बनाई गई है। सर्विस रोड का भी काम पूरा हो चुका है। दाएँ-बाएँ लोहे की रेलिंग लगाई गई है।

सेक्टर-30 ऐतमादपुर, सेक्टर-28, बासेलवा कॉलोनी, खेडीपुल, बीपीटीपी पुल के पास, सेक्टर-2, सेक्टर-2 आईएमटी में प्रवेश और निकास बिंदुओं का भी निर्माण किया गया है। ये सभी स्थान अंडरपास बन गए हैं। निर्माण कंपनी ने अंडरपास के चारों ओर प्रवेश और निकास बिंदु बनाए हैं।

एक्सप्रेसवे के दोनों ओर छह लेन के सर्विस रोड एक्सप्रेसवे के कुल 12 लेन का निर्माण किया गया है। मुख्य कैरिजवे छह लेन का है, जबकि दाएँ-बाएँ सर्विस रोड भी तीन लेन का है। मोटर चालक इस सर्विस लेन के माध्यम से मुख्य कैरिजवे का उपयोग कर सकेंगे।

एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य तीन भागों में किया जा रहा है। डीएनडी फ्लाईओवर और मिंडकोला गांव के बीच की दूरी 59 किमी है। पहले चरण के हिस्से के रूप में दिल्ली में डीएनडी फ्लाईओवर से कालिंदी कुंज तक नौ किलोमीटर के एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है। इसकी सीमा सात किलोमीटर है।

इसके बाद आगरा नहर के साथ सेक्टर-37 श्मशान घाट के पास आ गया है और इसे बाईपास से जोड़ दिया गया है। भाग दो मलारेना पुल से 24 किलोमीटर दूर है। तीसरा भाग मालेरना पुल से सोहना तक 26 किमी दूर है।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का एक हिस्सा सोहना में अलीपुर से भी जुड़ा हुआ है। परियोजना निदेशक के अनुसार, इस बार अधिक बारिश हुई। इस वजह से काम प्रभावित हुआ है। जल निकासी और पानी की आपूर्ति की लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। बिजली आपूर्ति भी बाधित हो गई। लेकिन अब काम तेजी से पूरा किया जा रहा है। उम्मीद है कि इस महीने के अंत तक इसे मोटर चालकों के लिए खोल दिया जाएगा।