किशोरावस्था में आने वाली विषम परिस्थितियों से घबराने की आवश्यकता नहीं : अनिल मलिक

हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की राज्य स्तरीय परियोजना बाल सलाह, परामर्श एवं कल्याण केन्द्र के तत्वावधान में गांव बीबीपुर के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में राज्य के 179वें तथा जिले के 69वें मनोवैज्ञानिक परामर्श केन्द्र की स्थापना की। कार्यक्रम में मुख्यातिथि के तौर पर मंडलीय बाल कल्याण अधिकारी रोहतक एवं राज्य नोडल अधिकारी अनिल मलिक ने की।
अनिल मलिक ने कहा कि इंसान की सोच बहुत शक्तिशाली होती है, इसे सही दिशा देने की आवश्यकता है और इसमें मनोवैज्ञानिक परामर्श एवं प्रेरणा शक्ति कारगर सिद्ध होती है। अनिल मलिक ने सम्बोधित करते हुए कहा कि किशोरावस्था के दौरान बहुत सी विषम व असहाय परिस्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं, घबराकर मैदान नहीं छोड़ना, मौजूदा परिस्थितियों को सही से समझना है तथा डटकर सामना करना है। समस्या का सही समाधान ढूंढ़ना है, उचित सलाह अति विश्वसनीय या अनुभवी व्यक्ति से लेनी है, आवश्यकता अनुसार व्यक्तिगत परामर्श लाभकारी सिद्ध हो सकता है। भरोसा रखें कि हर सवाल का जवाब और हर समस्या का समाधान होता है।
किशोरावस्था चुनौतियों भरी निरंतर विकास की उम्र है, ऐसे में जरूरी है सकारात्मक रहना, खुश रहने के तरीके खोजें, ऊर्जा से लबालब रहिए, शिक्षा संबंधी एवं अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर फोकस रखना चाहिए। सबसे पहले खुद को जानिए, अपनी रुचियों, आदतों, क्षमता, कमजोरी और ताकत को जानें और फिर जानिए आपके दोस्त कौन हैं।
जानिए कि आपका सामाजिक वातावरण कैसा है, बार-बार किस विषय पर मन में चाहत जागृत हो रही है, सही और गलत क्या है और इसे भी जानें कि क्या आवश्यक तौर से करना चाहिए और क्या बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। परामर्शदाता नीरज कुमार ने सम्बन्धित परियोजना की कार्यप्रणाली बारे जागरूकता प्रदान करते हुए बताया कि किशोरावस्था में समस्या निदान हेतु मन की जिज्ञासा कायम रखते हुए निरन्तरता से सवाल पूछना भी जरूरी है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्या रोशनी देवी ने कहा मनोवैज्ञानिक प्रेरणा महत्वपूर्ण है, उम्र विशेष के मद्देनजर जरूरी सलाह समय-समय पर मिलती रहनी चाहिए। कार्यक्रम में विशेष उपस्थिति राज्य बाल कल्याण परिषद के आजीवन सदस्य नीरज कुमार, इतिहास प्रवक्ता शमशेर सिंह के साथ-साथ कुंती देवी, कुलदीप सिंह व साक्षी आदि सभी प्रवक्ता मौजूद रहे।