पीआर धान खरीदने से किनारा कर रहे मिलर्स, औने-पौने दाम पर परमल धान बेचने को मजबूर किसान

मंडियों में पीआर की एक लाख एमटी आवक हो चुकी है, जिसमें सरकारी एजेंसियों ने 73282 एसटी धान खरीदा है। जबकि 15 हजार एमटी से ज्यादा पीआर धान मंडियों में पड़ा है। जिसमें ज्यादातर पीआर धान की हाईब्रिड और शिफ्ट गोल्ड किस्मों को मिलर्स ने दाने का आकार छोटा और छिलका छिलका मोटा बताते हुए खरीदने से ही इंकार कर दिया है। जिसमें मिलर्स अलर्स टूटे टूटे दानों की क्षमता ज्यादा बताते हैं और उक्त किस्मों से मात्र 62 से 63 फीसदी चावल निकलता बताते हैं, जबकि शतों में 67 फीसदी चावल होना चाहिए। जिसके कारण किसान धान की सरकारी खरीद ले पाने में असमर्थ हैं और प्रति क्विंटल 3 से 4 किलोग्राम काट के साथ मार्केट में कम दाम पर बेचने को मजबूर हैं। इससे न केवल किसानों को मोटी चपत लग रही है बल्कि मंडियों में धान बेचने के लिए किसानों को बोली का इंतजार करना पड़ता है। जिससे मंडियों में जाम जैसी स्थिति बनी रहती है।
गांव खारियां से धान उत्पादक लूणाराम ने बताया कि 4 एकड़ में 2082 किस्म पीआर धान की खेती की, फसल लेकर वह रानियां मंडी पहुंचा। जहां एमएसपी पर धान नहीं खरीदा गया। जिसके कारण प्रति क्विंटल दो किलोग्राम कटौती के साथ 2150 रुपये क्विंटल धान बेचना पड़ा। जबकि इस सीजन में सामान्य धान के लिए 2300 रुपये और ग्रेड-ए धान के लिए 2320 रुपये प्रति क्विंटल का एमएसपी तय किया गया है। वहीं किसान पुनीत ने बताया कि धान बेचने मंडी आये थे। उससे एक किलोग्राम काट के साथ 2200 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीदा गया। गांव पन्नीवाला मोटा के किसान सुभाष ने बताया कि हाईब्रिड धान लेकर आया था। लेकिन यहां दाने छोटे बताकर 4 किलोग्राम काट के साथ कम दाम पर खरीद रहे थे। इसलिए मंडी से वापस ले गया।
एमएसपी पर खरीदा 73,282 मीट्रिक टन धान, डीसी ने उठान में तेजी लाने के दिए निर्देश
जिला की विभिन्न मंडियों में खरीद एजेंसियों की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 73,282 मीट्रिक टन (एमटी) धान की खरीद की जा चुकी है। उपायुक्त शांतनु शर्मा ने बताया कि कुल आवक में से खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की ओर रसे 35,263 एमटी, हैफेड की ओर से 27,733 एमटी और हरियाणा वेयर हाउसिंग कारपोरेशन ने 10,286 एमटी खरीद की है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को खरीद प्रक्रिया एवं उठान में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। वहीं बड़ागुढ़ा मंडी में 3860 एमटी, डबवाली मंडी में 10197 एमटी, कालांवाली मंडी में 24341 एमटी फग्गू मंडी में 4586 एमटी, रानियां मंडी में 3309 एमटी, रोड़ी में 2944 एमटी, सिरसा मंडी में 3758 एमटी, सुरतिया मंडी में 2121 एमटी धान की खरीद दर्ज की गई, साथ ही जिला की अन्य मंडियों में भी धान की आवक जारी है। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि धान को सुखाकर मंडी में लेकर आए, ताकि जल्द खरीद की जा सके। धान की फसल की कटाई के बाद फसल के अवशेषों को आग न लगाएं, बल्कि इन अवशेषों से पशुओं के लिए चारा बनाएं और इसे जमीन में मिलाकर उपजाऊ शक्ति बढ़ाएं।
मंडियों में पीआर किस्मों के धान की 30 फीसदी आवक
* पीआर की हाइब्रिड और शिफ्ट गोल्ड किस्मों के धान की खरीद में दिक्कतें आ रही हैं। मिलर्स धान के दाने का आकार छोटा और छिलका बड़ा होना बताते हैं। चावल की कम मात्रा निकलने से मिलर्स धान नहीं खरीदते हैं। मंडियों में इन किस्मों के धान की आवक करीब 30 फीसदी है।