Jind News: पराली जलाने पर पूर्ण पाबंदी लगाने व पराली जलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के लिए संबंधित अधिकारी लगातार रख रहें खेतो पर निगरानी : उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा
पराली जलाने पर पूर्ण पाबंदी लगाने व पराली जलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के लिए संबंधित अधिकारी लगातार रख रहें खेतो पर निगरानी
Oct 14, 2024, 22:30 IST
Jind News: जींद उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा ने बताया कि फसल अवशेष प्रबंधन अभियान के तहत किसानों द्वारा पराली जलाने पर नियंत्रण के संबंध में संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि यदि कोई भी किसान पराली में आगजनी करता पाया गया तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने पराली जलाने पर पूर्ण पाबंदी लगाने के लिए पराली जलाने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि फसल अवशेषों को आगजनी करने से खेतों की जमीन खराब हो रही है। इससे न केवल जमीन में रहने वाले मित्र कीट खत्म हो जाते हैं बल्कि पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। धुआं हवा मे घुलकर उसे विषैला बना देता है जिसके कारण वह व्यक्ति की शारीरिक बीमारियों का कारण भी बनता है। उन्होंने बताया कि आधुनिक कृषि यंत्रों की मदद से किसान न केवल धान की फसल के अवशेषों का प्रबंधन कर सकता है, बल्कि अपनी गेहूं की फसल बिजाई के समय होने वाले खर्च को भी कम कर सकता है। उन्होंने कहा कि किसान सुपर सीडर की मदद से फसल अवशेषों के प्रबंधन के साथ-साथ गेहूं की बुवाई कर सकता है। इसकी मदद से फसल अवशेष पूरी तरह भूमि में मिल जाते हैं जिससे फसल की उर्वरा शक्ति में भी इजाफा होता है।
उन्होंने पराली जलाने पर पूर्ण पाबंदी लगाने के लिए पराली जलाने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि फसल अवशेषों को आगजनी करने से खेतों की जमीन खराब हो रही है। इससे न केवल जमीन में रहने वाले मित्र कीट खत्म हो जाते हैं बल्कि पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। धुआं हवा मे घुलकर उसे विषैला बना देता है जिसके कारण वह व्यक्ति की शारीरिक बीमारियों का कारण भी बनता है। उन्होंने बताया कि आधुनिक कृषि यंत्रों की मदद से किसान न केवल धान की फसल के अवशेषों का प्रबंधन कर सकता है, बल्कि अपनी गेहूं की फसल बिजाई के समय होने वाले खर्च को भी कम कर सकता है। उन्होंने कहा कि किसान सुपर सीडर की मदद से फसल अवशेषों के प्रबंधन के साथ-साथ गेहूं की बुवाई कर सकता है। इसकी मदद से फसल अवशेष पूरी तरह भूमि में मिल जाते हैं जिससे फसल की उर्वरा शक्ति में भी इजाफा होता है।