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Haryana News: जींद जिले के नरवाना हलके को 19 साल बाद मिला प्रतिनिधित्व, कृष्ण कुमार बेदी बने मंत्री

Haryana News: जींद जिले के नरवाना हलके को 19 साल बाद मिला प्रतिनिधित्व, कृष्ण कुमार बेदी बने मंत्री
 
 कृष्ण कुमार बेदी बने मंत्री

Haryana News: हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद पंचकूला में शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सहित 14 मंत्रियों में नरवाना से चुने गए विधायक कृष्ण बेदी को भी जींद जिले में एकमात्र कैबिनेट मंत्री पद से नवाजा गया है, जो हलका वासियों के लिए बड़ी प्रसन्नता की बात है।

हो भी क्यों नहीं, हलके को 19 साल बाद अपने प्रतिनिधि को मंत्री पद जो मिला है। इससे पहले 2005 तक विधायक के रूप में इस हलके का प्रतिनिधित्व करते हुए इनैलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाली थी। साल 2005 के चुनाव में मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला को रणदीप सुरजेवाला ने हरा दिया था, जिसका कारण शायद यह रहा होगा कि नरवाना में हुई चुनावी जनसभा में पहुंची कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने कहा था कि जींद जिले को चुनाव के बाद तोहफा दिया जाएगा।

कांग्रेस अध्यक्षा के ये शब्द रणदीप के काम आए और लोगों ने ओमप्रकाश चौटाला के मुकाबले रणदीप के सिर पर जीत का सेहरा बांध दिया। बाद में 2009 में परिसीमन के बाद नरवाना आरक्षित हलके की श्रेणी में आ गया और इनैलो के पिरथी सिंह नंबरदार विधायक बने। 2014 में भी पिरथी नंबरदार ने इतिहास दोहराते हुए जीत दर्ज की।

फिर 2019 के चुनाव के ठीक 10 महीने पहले इनैलो से अलग बनी पार्टी जजपा ने रामनिवास सुरजाखेड़ा को टिकट दी, तो वे भाजपा की संतोष दनौदा से 30692 वोटों की बढ़त लेते हुए भारी मतों से जीते। बीजेपी-जेजेपी की गठबंधन सरकार में मंत्री पद तो वे नहीं पा सके, तो उन्हें खादी बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया। अब 2024 में जजपा जब हाशिये पर चली गई, तो भाजपा ने पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी पर दाव खेला और वे कांग्रेस प्रत्याशी सतबीर दबलैन से 11499 अधिक वोट लेकर बाजी मार ले गए।

नरवाना के इतिहास में पहली बार फूल खिलाने का पार्टी ने उन्हें इनाम दिया और उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया। 

धरौदी माइनर से पानी दिलवाने में मध्यस्था भी बनी सारथी

यूं तो नवनियुक्त मंत्री कृष्ण बेदी के दादा करीब 70 साल पहले हलके के गांव कलौदा को छोड़कर कुरुक्षेत्र चले गए थे। फिर भी 2019 के चुनाव से ठीक पहले पांच गांवों के ग्रामीणों ने इलाके के लोगों को साथ लेकर चरौदी माइनर से पानी लेने के लिए 46 दिन चरौदी में बड़ा जन आंदोलन चलाया था, जिसकी गूंज विधानसभा सत्र में उठी। उस सत्र में इनैलो विधायक अभय चौटाला ने लोगों की मांग उठाई थी, तो तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उसी दिन ही उस समय के मंत्री कृष्ण बेदी को मध्यस्था के लिए भेजा और धरौदी माइनर से पानी मिलने की बात सरकार से सिरे चढ़वाई, जो अब चुनाव में उनकी सारची बन कर साथ रही। अपने मंत्रीत्व काल में भी उन्होंने अपने मूल गांव कलौदा कलां व कलौदा खुर्द को टोहाना नहर से इन दोनों गांव के लिए रजबाहा निकलवाने में मदद की। उस अहसान को भी गांव के लोग नहीं भूले और उन्हें गांव से 2100 वोट देते हुए अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी इनैलो प्रत्याशी विद्या रानी से 1422 वोटों से बढ़त दिलवाई।

लंबे इंतजार के बाद मिला मंत्री पद तो लोगों की उम्मीदें भी लंबी

नरवाना को एक लंबे अरसे के बाद सरकार में हिस्सा मिला है, तो उनकी उम्मीदें भी लंबी होना लाजिमी है। हालांकि, इस हलके ने एक बार प्रदेश को मुख्यमंत्री भी दिया है, लेकिन विकास कार्यों को उतना बल नहीं मिला जितना मिलना चाहिए था। ओमप्रकाश चौटाला के मुख्यमंत्री कार्यकाल में युवाओं को रोजगार दिलाने में हलका अन्य के मुकाबले जरूर अग्रणी रहा, पर बाद में पिछड़ता ही चला गया। अब भाजपा ने यहां पहली बार जमीन तैयार की है और प्रतिनिधि को मंत्री पद भी दिया है, तो लोगों के मन में बड़ी आशाएं जगी हैं। उनका कहना है कि जिस प्रकार चुनाव से पहले मंत्री बने कृष्ण बेदी कहते थे विधायक बना दो अगली जिम्मेदारी मेरी है। हमने तो उन्हें विधायक ही नहीं मंत्री के योग्य बनवा दिया, अब वे अपने कहे अनुसार अपनी जिम्मेदारी संभालें।