Haryana news: हरियाणा रोडवेज bs6 बसों की कमी दिल्ली के 12 से अधिक टाइम मिस बहादुरगढ़ तक जा रही बसें
बिजली, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज आज जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक की अध्यक्षता करने पंचायत भवन पहुंचेंगे। जिससे रोडवेज, बिजली व अन्य विभाग अलर्ट हैं।
रोडवेज डिपो प्रबंधन अड्डा परिसर में सुधारीकरण और बसों के फेरे बहाल करने की हरसंभव कोशिश में जुटा है। लेकिन इसके बावजूद सिरसा से दिल्ली जाने वाली बसों के करीब 14 टाइम मिस हैं, जिसका मुख्य कारण डिपो में बीएस-6 तकनीक बसों की कमी है। एनसीआर क्षेत्र में बीएस-तीन व चार तकनीक की बसें जब्त न हो जाएं, इसलिए किमी. स्कीम की बसें बहादुरगढ़ तक संचालित हैं। जिससे दिल्ली, पानीपत, गुड़गांव व चंडीगढ़ सहित अन्य लंबे रूटों के 40 से ज्यादा फेरे मिस रहने से यात्री परेशान हैं। यही स्थिति पिछले 5 माह से बरकरार है, क्योंकि बीएस-6 तकनीक की 49 बसें कुरुक्षेत्र, करनाल, चरखीदादरी व भिवानी डिपो भेजी गई। जिसके बदले सिरसा को 35 कंडम बसें मिलीं हैं, जिनको रूट पर उतारना किसी खतरे से खाली नहीं है, इन बसों से केवल वर्कशॉप में कंडम बसों की संख्या बढ़ी है।
सड़क पर उतरने योग्य नहीं नई बसों के बदले में मिलीं 35 गाड़ियां : महासंघ
महासंघ हरियाणा रोडवेज 1004 के प्रदेश उपमहासचिव लाधूराम ने कहा कि डिपो में बीएस-6 की बजाय बीएस-तीन और चार तकनीक की कंडम बसें भेजे जाने से रोडवेज के कर्मियों में गहरा रोष व्याप्त है। यह यात्रियों के साथ एक धोखा है। ऐसे में सिरसा से यात्रा करने वाले यात्री कैसे एक अच्छी सुविधा प्राप्त कर पाएंगे। नई बसों के बदले कबाड़ बसें पहुंची हैं। जो सड़क पर चलने योग्य नहीं हैं। इससे वर्कशॉप परिसर में कंडम हो चुकी बसों की तादाद बढ़ी है।
सिरसा से दिल्ली के 23 में से केवल 10 टाइम बहाल
सिरसा डिपो से एनसीआर दिल्ली के 23, पानीपत के 3, हरिद्वार के 2 व गुड़गांव 3 टाइम हैं। जिनमें गुरुवार को दिल्ली के 9 टाइम बहाल थे जबकि 14 टाइम मिस होना बताया गया। इसके अलावा चंडीगढ़ के 15 टाइम निर्धारित है, मगर 10 टाइम सुचारू हो पाए थे। विभागाधिकारियों के मुताबिक लंबे रूटों के टाइम मिस होने का कारण डिपो में नई बसों का अभाव है। क्योंकि मई 2024 से पहले डिपो में बीएस-6 तकनीक की 84 बसें थी। जिनमें 49 बसें सरकार के निर्देशानुसार अन्य डिपो में भेजी गई। गौरतलब है कि सिरसा डिपो में 153 और डबवाली की 45 सहित 198 बसें ऑनरोड हैं। वहीं कंडम बसों का आंकड़ा 55 के पार पहुंच चुका है।
फिलहाल बीएस-6 तकनीक बसें हैं कम
* डिपो में फिलहाल बीएस-6 तकनीक की बसें कम है, इसी कारण दिल्ली सहित अन्य लंबे रूटों के टाइम मिस होते हैं। अन्य डिपो में बसों के स्थानांतरण के बाद से यह दिक्कतें बरकरार हैं। सरकार के आदेशानुसार डिपो में बसों का संचालन किया जा रहा है।" -अजय सिंह, जीएम रोडवेज डिपो