हरियाणा सरकार गोशालाओं को बांटेगी 1200 ई-रिक्शा, खर्च होंगे 15 करोड़ रुपए
प्रदेश सरकार सामाजिक गोशालाओं में 1200 ई-रिक्शा बांटेगी। इस प्रोजेक्ट पर 15 करोड़ रुपए खर्च होंगे। सीएम नायब सिंह सैनी की स्वीकृति के बाद हरियाणा गो सेवा आयोग ने तैयारी शुरू कर दी है। 14 जनवरी 2025 से पहले ई-रिक्शा वितरित करने का लक्ष्य रखा है। मकसद गुरुग्राम में प्रतिदिन हर घर से एक रुपए और एक रोटी गोशालाओं के लिए जुटाने को चलाए जा रहे सक्सेस मॉडल को प्रदेश के सभी 22 जिलों की गोशालाओं तक पहुंचाना है, ताकि वहां पल रहे गोवंश को चारा-पानी के संकट से जूझना न पड़े। सरकार की तैयार कार्य योजना के मुताबिक, एक हजार गोवंश पर एक ई-रिक्शा और इससे अधिक गोवंश वाली गोशालाओं को दो ई-रिक्शा मिलेगी।
प्रदेश में 680 गोशालाएं संचालित हैं। गो सेवा आयोग की ओर से बताया गया कि ई-रिक्शा की संख्या जरूरत के अनुसार और बढ़ाई जा सकती है। इसी क्रम में सड़कों पर भटक रहे बेसहारा गोवंश को लेकर उनकी परवरिश करने वाली गोशालाओं के लिए 200 शेड भी दिए जाएंगे। इसके लिए भी हरियाणा गोशाला आयोग ने सरकार से बजट का प्रबंध कराया है। इससे कड़ाके की सर्दी और प्रचंड गर्मी के मौसम में उनका बचाव हो सके।
वर्ष 2005 से गुरुग्राम में हर घर से प्रतिदिन एक रुपए और एक रोटी बेसहारा गोवंश के लिए जुटाने का अभियान शुरू किया था। सामाजिक संगठनों और आमजन का इसे खूब सहयोग मिला। प्रदेश की गोशालाओं में इस मॉडल को अपनाने के लिए हरियाणा गोसेवा आयोग की ओर से जोर दिया जा रहा है।
गुरुग्राम में 2005 में शुरू किया था हर घर एक रोटी अभियान
* प्रदेश भर में संचालित गोशालाओं की स्थिति और बेहतर होने वाली है। सीएम नायब सिंह सैनी की मंजूरी के बाद 1200 ई-रिक्शा गोशालाओं में बांटी जाएंगी। एक हजार गोवंश पर एक ई-रिक्शा और इससे अधिक गोवंश पर दो ई-रिक्शा गोशाला संचालकों को मिलेगी। 14 जनवरी 2025 से पहले ई-रिक्शा बांटने का लक्ष्य है। गुरुग्राम में वर्ष 2005 में हमने हर घर से एक रुपए और एक रोटी अभियान शुरू किया था। आज वह बेहद सफल है। अब यही मॉडल पूरा हरियाणा अपनाने जा रहा है।
नई बनने वाली गौशालाओं को न तो CLU लेने की आवश्यकता होगी और न ही किसी प्रकार की फीस लगेगी। गौशाला में एक ट्यूबवेल लगवाने के लिए किसी अनुमति की जरूरत नहीं होगी। पहले सिंचाई या बिजली विभाग से अनुमति लेनी होती थी। बेसहारा गाय, बछड़े और बछड़ी को सहारा देने वाली गौशालाओं को अनुदान राशि मिलेगी। गाय के लिए 600 रूपए, प्रति नंदी 800 रूपए और प्रति बछड़ा, बछड़ी 300 रूपए की नकद अनुदान राशि दी जायेगी। गौशाला को चारे के लिए भी अनुदान राशि मिलेगी। प्रति बछड़ा, बछड़ी 20 रूपए, प्रति गाय 30 रूपए और प्रति नंदी 40 रूपए मिलेगी। प्रतिदिन चारे के लिए अनुदान राशि मिलेगी।
इसके अलावा, हर शहर में गौवंश की संख्या के लिए पशु चिकित्सक, प्रशासक या सचिव, नगर निकाय और गौशालाओं के प्रतिनिधियों की समिति बनेगी। 1 हजार गौवंश वाली गौशालाओं को एक ई रिक्शा और 1 हजार से ज्यादा गौवंश वाली गौशालाओं के लिए 2 ई रिक्शा खरीदी जाएंगी इसके लिए प्रति ई रिक्शा 1 लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी। प्रदेश के सभी 645 गौशाला सोलर प्लांट से युक्त होंगी।
3 हजार से ज्यादा गौवंश वाले गौशाला में सप्ताह में एक दिन वेटनरी सर्जन और तीन हजार से कम गौवंश वाले गौशालाओं में सप्ताह में एक दिन VLDA जांच की जाएगी। गौशाला के दो मीटर की दूरी होने पर भी एक ही तरह के कनेक्शन की फीस चार्ज की जाएगी। 2 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली चार्ज की जाएगी। गौशाला का मुख्यमंत्री नायब सिंह ने प्रॉपर्टी टैक्स माफ करने की घोषणा की ,जो किसान प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए देसी गाय रखेगा, सरकार उसको 30 हजार रुपए तक की वार्षिक मदद सरकार देगी।