हरियाणा में बेरोजगार युवकों को सीएम सैनी ने दिया बड़ा तोहफा, अब सरकारी नौकरियों में आने वाले झंझट होंगे खत्म

Haryana News: हरियाणा में यिवों के लिए ाची खबर आ रही है। बता दे की हिरयाणा में 24 हजार पदों के परिणाम घोषित होने के बाद अब दिसंबर तक कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) की तैयारी चल रही है।
सीईटी से पहले, नीति में बदलाव करके सामाजिक-आर्थिक आधार अंकों को समाप्त कर दिया जाएगा। इसके अलावा मुख्य परीक्षा के लिए पदों की तुलना में उम्मीदवारों की संख्या चार गुना बुलाने के बजाय उम्मीदवारों की संख्या सात गुना देने का विचार है।
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सरकारी नौकरियों की भर्ती के लिए सामान्य पात्रता परीक्षा की शुरुआत करते हुए 1 लाख 80 हजार से कम वार्षिक आय वाले परिवारों और माता-पिता नहीं रखने वाले युवाओं को सामाजिक-आर्थिक आधार पर 2.5 से 5 अंक देने की प्रणाली शुरू की थी।
बड़ी संख्या में युवाओं ने सीईटी की मुख्य परीक्षा में पदों की तुलना में केवल चार गुना उम्मीदवारों को शामिल करने के फैसले को भी उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। इसके कारण राज्य सरकार अब पदों की तुलना में सात गुना अधिक उम्मीदवारों को बुलाने पर विचार कर रही है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भर्ती नियमों में बदलाव को मंजूरी देने के लिए जल्द ही हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के अधिकारियों की बैठक बुला सकते हैं।
जानें प्रत्याशियों की राय?
कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट की प्रक्रिया को बदलने की उम्मीदवारों की लंबे समय से मांग रही है। उनका तर्क है कि परीक्षा ग्रुप सी और ग्रुप डी पदों के लिए अलग-अलग योग्यताओं के आधार पर आयोजित की जानी चाहिए।
तकनीकी पदों के लिए अलग से सीईटी की भी आवश्यकता होती है। उम्मीदवारों का कहना है कि समान पदों के लिए समान योग्यता की परीक्षा होनी चाहिए, ताकि सभी को समान अवसर मिले। इससे शिकायतों की संख्या में कमी आएगी।
राज्य सरकार की योजना हर साल सीईटी आयोजित करने की है ताकि बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाले सभी युवा भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो सकें। पिछले तीन वर्षों से कोई सीईटी नहीं होने के कारण, लाखों युवा इस प्रक्रिया से बाहर रह गए थे, जो कक्षा III और IV की नौकरियों के लिए आवेदन नहीं कर सकते थे।