गोपाल कांडा ने कहा जीतने के बाद भाजपा के साथ मिलकर बनाएंगे सरकार
हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच नेताओं के बोल ने उनके ही दलों और गठबंधन दलों मुश्किल में डाल दिया है। सिरसा में हलोपा (हरियाणा लोकहित पार्टी) के उम्मीदवार और हाल ही में इनेलो और बसपा के साथ गठबंधन में शामिल हलोपा(Haryana lok hit party) सुप्रीमो गोपाल कांडा ने बयान दिया है कि वह जीतने के बाद भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे। गोपाल कांडा ने कहा कि हलोपा आज भी NDA का हिस्सा है और इनेलो-बसपा और हलोपा सब मिलकर सरकार बनाएंगे।
गोपाल कांडा(Gopal Kanda) के इस बयान पर हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम और जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला(deputy CM jjp neta Dushyant Chautala) ने उन पर निशाना साधा है। दुष्यंत ने सोशल मीडिया(social media) पर लिखा- ऊपर से समझौते, ऊपर से ही पैसे, सब कर दिये इकट्ठे ये एक जैसे, इनको दे रखा है आका ने एक हुक्म, सरकार बनवाओ बीजेपी की जैसे-तैसे।
गोपाल कांडा(Gopal Kanda) ने पार्टी के समझौता न करने पर कहा कि भाजपा ने सभी 90 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं और कुछ ऐसे चेहरे भी उतारे हैं जो उनकी भी पसंद है। भाजपा(BJP) के साथ किसी भी तरह के मतभेद से उन्होंने इनकार किया है। गोपाल कांडा(gopalkanda) ने कहा कि भाजपा के साथ उनके परिवार के रिश्ते पुराने हैं। पिता मुरलीधर कांडा(Muralidhar khanda) आरएसएस(RSS) में थे और 1952 में दीपक के निशान पर जनसंघ के टिकट पर लडे थे उस समय सिरसा डबवाली(Sirsa Dabwali) में होता था।
कांडा बोले- एक दूसरे की मदद को समझौता
गोपाल कांडा(gopalkanda) का कहना है कि सिरसा से बाहर रानियां और ऐलानाबाद हलके में हलोपा का जनाधार है। ऐलनाबाद उप चुनाव (ellenabad upchunav)में गोबिंद कांडा(Govind Kanda) को अच्छे वोट मिले थे। इसलिए अभय चाहते हैं हलोपा ऐलानाबाद(ellenabad) और रानिया (raniyan)में मदद करे, बदले में वह सिरसा में मदद करेंगे। क्योंकि हम दोनों ही पार्टियां कांग्रेस के खिलाफ
है।
गोपाल कांडा(gopalkanda) ने कहा कि मैंने कभी भाजपा से कोई सीट नहीं मांगी। हमारा शुरू से ही बिना शर्त समझौता है। गोपाल कांडा ने कहा कि इस बार हरियाणा(Haryana Congress) में कांग्रेस नहीं बल्कि भाजपा(BJP) की सरकार आएगी। भाजपा प्रदेश में जीत की हैट्रिक बनाएगी और हमारा गठबंधन भाजपा को सपोर्ट करेगा।
गोपाल कांडा(Gopal Kanda) ने कहा मेरी मां भाजपा को वोट देती है
गोपाल कांडा (Gopal Kanda)ने कहा कि जब मैं 2009 में निर्दलीय चुनाव मैदान में था तो मैंने मां को कहा कि इंजन के चुनाव चिह्न वाला बटन दबाना है। तब मेरी मां ने कहा कि मैं कमल के फूल के अलावा कहीं वोट नहीं डालूंगी। कांडा ने कहा कि मेरा परिवार आरएसएस (RSS)का परिवार है। अगर भाजपा सिरसा सीट(BJP Sirsa seat) छोड़ने के लिए भी कहती तो मैं उस भी विचार कर लेता, मगर कभी मुझे पार्टी ने ऐसा कहा नहीं। भाजपा को पता है कि यह इस सीट पर जीतने वाले कैंडिडेट हैं।
Inld-बसपा और हलोप का एक सीट पर उम्मीदवार बता दें कि इनेलो-बसपा और हलोपा का पूरे हरियाणा में एक ही सीट पर उम्मीदवार है। हलोपा सिरसा सीट पर ही चुनाव लड़ रही है और इनेलो-बसपा(inld baspa) उसे समर्थन कर रही है। बसपा और इनेलो के बीच जुलाई में गठबंधन हुआ था। इसमें तय हुआ था कि बसपा 90 में से 37 सीटों और इनेलो 53 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। मुख्यमंत्री का चेहरा अभय चौटाला(Abhay Singh Chautala) को बनाया गया है।
इनेलो (inld)और बसपा(BJP) का पिछले विधानसभा चुनाव में प्रदर्शन
Inldने 2019 के विधानसभा(vidhansabha) चुनाव में प्रदेश की 90 में से 81 सीटों पर चुनाव लड़ा था। लेकिन वह केवल एक सीट ही जीत पाई थी। उस चुनाव में इनेलो(Indian national lokdal party) को 2.44 फीसदी वोट मिले थे। दूसरी तरफ बसपा ने 87 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन वो प्रदेश में एक भी सीट नहीं जीत पाई। बसपा ने इस चुनाव में 4.21 फीसदी वोट हासिल किए थे।
गुरुग्राम(gurugram City) से शुरू हुआ कांडा के करोड़पति बनने का सफर
गोपाल कांडा(gopal Kanda के करोड़पति(karodpati) बनने का असली सफर साइबर सिटी गुरुग्राम (cyber City gurugram)से वर्ष 2000 के आसपास शुरू हुआ। उस समय राज्य में ओम प्रकाश चौटाला(Om Prakash Chautala) की अगुआई में इंडियन नेशनल लोकदल (INLD की सरकार थी। उस दौरान कांडा INLD सुप्रीमो चौटाला(inld supremo Chautala) के बेहद करीब थे।
चौटाला सरकार(Haryana Chautala Sarkar) के दौरान ही कांडा ने सिरसा जिले(Sirsa district) में तैनात रहे एक IAS अफसर(IAS officer) से हाथ मिलाया। उसी समय सिरसा(Sirsa) में तैनात रहा वह आईएएस(IAS officer) अफसर भी गुरुग्राम में हुडा (अब HSVP) का प्रशासक लग गया। उससे दोस्ती का फायदा उठाते हुए कांडा ने गुरुग्राम(gurugram) में प्लाट की खरीद-फरोख्त (sale purchase)शुरू कर दी। चौटाला सरकार(Chautala government) में कांडा के राज नेताओं(rajneta) से अच्छे संबंध बन गए।
यह वो दौर था जब गुरुग्राम(gurugram) तेजी से डवलप(develope) हो रहा था और बड़ी-बड़ी कंपनियां (big company)वहां अपने कॉर्पोरेट दफ्तर खोल रही थी। गोपाल कांडा को इस developement का जमकर फायदा मिला।