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हरियाणा के किसानों के लिए खुशखबरी, सरकार द्वारा चलाई गई हरियाणा कपास अनुदान योजना।

हरियाणा के किसानों के लिए खुशखबरी, सरकार द्वारा चलाई गई हरियाणा कपास अनुदान योजना।
 
 हरियाणा कपास अनुदान योजना

2024, 25 में हरियाणा की कृषि विभाग द्वारा कपास की खेती तथा इसके अलावा सुक्षदस्तावेजतत्व, सप्रे और आईपीएम के छिड़काव को बढ़ावा देने के लिए राज्य की किसानों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए हैं .

सरकार इस योजना में राज्य के वह किसान जिसने अपने खेत में बीटी कपास की बुवाई कर रखी है उन सभी को ₹2,000 की सब्सिडी देगी हरियाणा कृषि और किसान कल्याण विभाग ने कपासन बीटी सीजन 2024 के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है जो भी इस योजना के पात्र किसान है वह अपना आवेदन 5 सितंबर 2024 से लेकर 30 सितंबर 2024 तक ऑनलाइन फॉर्म भर सकता है आवेदन करने से पहले आपको पूरी जानकारी लेना आवश्यक है।


हरियाणा कपास अनुदान योजना 2024 से जुड़ी सभी जानकारियां के लिए आप sarkariYojanaapply.com पर उपलब्ध है इसके अलावा आपको इस लेख में पात्रता सत्यापन और अन्य से भी जानकारी देखने को मिलेगी।


हरियाणा में खरीब की नकदी फसलों में कपास का एक महत्वपूर्ण स्थान है प्रदेश के 17 जिलों में कपास की खेती की जाती है कपास में मुख्य रूप से बीटी हाइब्रिड किस्म की बिजाई की जाती हैं कपास की अधिक पैदावार लेने के लिए उन किस्म को सही समय पर बिजाई करने उपयुक्त खाद देने समय पर पौध संरक्षण  उपाय अपनाने की ओर से विशेष ध्यान रखना चाहिए बीटी कपास के बिजाई का सर्वोत्तम समय 15 अप्रैल से 30 अप्रैल  तक है बीटी कपास की बिजाई के लिए कतार से कतार की दूरी 67.5 सेंटीमीटर पौधे से पौधे की दूरी 60 सेंटीमीटर रखनी चाहिए या कतर से कतर की दूरी 100 सेंटीमीटर का पौधे से पौधे की दूरी 45 सेंटीमीटर होनी चाहिए।
पश्चिम से पूर्व की दिशा में कतारो में बोई जाने वाली कपास उत्तर से दक्षिण दिशा में बोई जाने वाली कपास के मुकाबले अधिक पैदावार देती है यह पैदावार बढ़ाने का एक अच्छा साधन है बिजाई के दो तीन सप्ताह बाद कतारों में पौधों की आपसी फैसले को ध्यान में रखकर जितने भी फालतू रोगग्रस्त क, प्रवाहित , कमजोर होते हैं उन्हें निकाल देना चाहिए एक जगह पर एक ही पौधा रखे पौधे की छटाई पहली सिंचाई से पहले करनी चाहिए कपास अधिक पैदावार लेने हेतु खाद ,निराई ,गुड़ाई, सिंचाई, चुनाई कीड़े व बीमारी के प्रबंधन से संबंधित जानकारी के लिए हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार द्वारा प्रकाशित खरीब फसलों की सिफारिश के अनुसार प्रबंध करें।

हरियाणा कपास अनुदान योजना के दिशा निर्देश।


अनुदान लेने के लिए किसान का  ,मेरी फसल मेरा ब्योरा ,पोर्टल पर पंजीकृत होना अनिवार्य है।


जब किसान ,मेरी फसल मेरा ब्योरा ,पोर्टल पर पंजीकृत करेगा तो किसान विभाग के पोर्टल पर अपने कपास की फसल का ब्योरा भी देना होगा।


इस योजना में सूक्ष्म पोषक तत्वों में एकीकृत कीट प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए किसान को 50% या अधिकतम₹2,000 प्रति एकड़ अनुदान दिया जाएगा।


इस योजना में किसान अधिक से अधिक दो एकड़ का अनुदान ले सकता है।


कपास के क्षेत्र में बिलों के जांच के बाद अनुदान की राशि को किसान के बैंक खाते में भेजा जाएगा।


किसान कपास में प्रयोग होने वाली कृषि सामग्री चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार सिफारिश के अनुसार सरकारी, अर्द्ध सरकारी, सहकारी समिति या अधिकृत विक्रेता से खरीद कर विभाग के पोर्टल पर अनुदान के लिए सूक्ष्म तत्व में एकीकृत कीट प्रबंधन के बिल अपलोड करना होगा।


इसे ज्यादा जानकारी के लिए किसान अपने नजदीकी कृषि तथा किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों से संपर्क करें।

आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज।

पैन कार्ड।

पहचान पत्र।

आरक्षण प्रमाण पत्र।

उपक्रम परफार्मा।

भूमि धारण प्रमाण पत्र ,फर्द,जमा।


मोबाइल नंबर।

इस योजना में केवल हरियाणा राज्य कपास उत्पादक जिलों जैसे सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, रोहतक ,जींद, झज्जर ,फरीदाबाद, नारनौल, पलवल ,मेवात ,गुरुग्राम ,भिवानी ,रेवाड़ी ,चरखी दादरी ,पानीपत ,सोनीपत व कैथल के किसान ही आवेदन कर सकते हैं अन्य जिलों के किसान इस योजना के लिए पात्र नहीं है।