दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर अब जाम से मिलेगा छुटकारा, 4 नव निर्वाचित विधायकों ने ठाया जिम्मा
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को इस बारे में सूचित कर दिया गया है। इससे नवनिर्वाचित विधायकों के प्रयासों में तेजी आने की उम्मीद है। पिछले कु
Oct 30, 2024, 15:21 IST
Haryana News: जिले के चार नवनिर्वाचित विधायक यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करेंगे कि दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर यातायात का दबाव न दिखाई दे। उन्होंने इस मुद्दे को अपनी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर रखा है। वे केंद्र सरकार से मांग करेंगे कि एक्सप्रेसवे को गुरुग्राम-सोहना राजमार्ग की तरह उन्नत किया जाए। धौलाकुआं से खेरकिडोवला तक अधिकतम पाँच से छह निकास और प्रवेश थे।
इससे एक्सप्रेसवे पर स्थानीय यातायात का दबाव नहीं पड़ेगा। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को इस बारे में सूचित कर दिया गया है। इससे नवनिर्वाचित विधायकों के प्रयासों में तेजी आने की उम्मीद है। पिछले कुछ वर्षों से आर्थिक शहर के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले गुरुग्राम का विकास प्रभावित हो रहा है। इसका मुख्य कारण दिल्ली-गुरुग्राम के बीच भारी यातायात दबाव है।
गुरुग्राम यातायात दबाव केवल पीक आवर्स यानी सुबह 8 बजे से 11 बजे तक और शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक, लेकिन दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर 24 घंटे के दौरान भी। इससे दिल्ली-गुरुग्राम राजमार्ग पर यातायात प्रभावित होगा। आने-जाने से पहले दस बार सोचना पड़ता है। विधानसभा चुनाव में इस मुद्दे को लोगों ने उठाया था।
सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों पक्षों के उम्मीदवारों ने भी लोगों को आश्वासन दिया था कि वे इस पर काम करेंगे। जीत के साथ, चार नवनिर्वाचित विधायकों-गुड़गांव से मुकेश शर्मा, बादशाहपुर से राव नरबीर सिंह, सोहना से तेजपाल तंवर और पटौदी से बिमला चौधरी-ने दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे को उन्नत बनाने के लिए हर संभव प्रयास करने का संकल्प लिया है।
राज्य सरकार ने इस संबंध में केंद्र सरकार से भी गुहार लगाई है। जरूरत पड़ने पर वे केंद्रीय भूतल परिवहन और राजमार्ग मंत्री से प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे। दैनिक जागरण से बात करते हुए उन्होंने कहा कि एक्सप्रेसवे को ऊपर उठाने से स्थानीय यातायात का दबाव नहीं दिखेगा। धौलाकुआं और गुरुग्राम के बीच एक्सप्रेसवे पर अधिकतम पांच से छह निकास और प्रवेश बिंदु होने चाहिए।
इससे एक्सप्रेसवे पर स्थानीय यातायात का दबाव नहीं पड़ेगा। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को इस बारे में सूचित कर दिया गया है। इससे नवनिर्वाचित विधायकों के प्रयासों में तेजी आने की उम्मीद है। पिछले कुछ वर्षों से आर्थिक शहर के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले गुरुग्राम का विकास प्रभावित हो रहा है। इसका मुख्य कारण दिल्ली-गुरुग्राम के बीच भारी यातायात दबाव है।
गुरुग्राम यातायात दबाव केवल पीक आवर्स यानी सुबह 8 बजे से 11 बजे तक और शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक, लेकिन दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर 24 घंटे के दौरान भी। इससे दिल्ली-गुरुग्राम राजमार्ग पर यातायात प्रभावित होगा। आने-जाने से पहले दस बार सोचना पड़ता है। विधानसभा चुनाव में इस मुद्दे को लोगों ने उठाया था।
सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों पक्षों के उम्मीदवारों ने भी लोगों को आश्वासन दिया था कि वे इस पर काम करेंगे। जीत के साथ, चार नवनिर्वाचित विधायकों-गुड़गांव से मुकेश शर्मा, बादशाहपुर से राव नरबीर सिंह, सोहना से तेजपाल तंवर और पटौदी से बिमला चौधरी-ने दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे को उन्नत बनाने के लिए हर संभव प्रयास करने का संकल्प लिया है।
राज्य सरकार ने इस संबंध में केंद्र सरकार से भी गुहार लगाई है। जरूरत पड़ने पर वे केंद्रीय भूतल परिवहन और राजमार्ग मंत्री से प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे। दैनिक जागरण से बात करते हुए उन्होंने कहा कि एक्सप्रेसवे को ऊपर उठाने से स्थानीय यातायात का दबाव नहीं दिखेगा। धौलाकुआं और गुरुग्राम के बीच एक्सप्रेसवे पर अधिकतम पांच से छह निकास और प्रवेश बिंदु होने चाहिए।