फसल अवशेष प्रबंधन पर किसान को प्रति एकड़ मिलेंगे एक हजार रूपए उपायुक्त किसानों को अनुदान पर दिये जा रहे कृषि यंत्र
जींद उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा ने बताया कि धान उत्पादक किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए हरियाणा सरकार एक हजार रूपए प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि प्रदान करेगी। उन्होंने बताया कि किसान धान की कटाई के बाद अपने खेत में आग न लगाएं। आग लगाने से वायु प्रदूषण तो होता ही है साथ-साथ मिट्टी के पोषक तत्व भी नष्ट हो जाते हैं।
उपायुक्त ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा फसल अवशेष प्रबन्धन योजना एसबी-82, 2024-25 के तहत अवशेषों को मशीनों की सहायता से मिट्टी में मिलाने पर किसानों को प्रति एकड़ एक हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि धान अवशेषों को मिट्टी में मिलाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढेगी तथा वातावरण को स्वच्छ रखने में सहायता मिलेगी।
जिला के किसान हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, रिवर्सिबल एमबी प्लॉव व जीरो टिल सीड ड्रील की सहायता से धान अवशेषों को मिट्टी में मिलाकर प्रोत्साहन राशि के लिए आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि आवेदक किसान को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है।
उपायुक्त ने बताया कि योजना का लाभ लेने के लिए किसान को विभागीय पोर्टल एग्रीहरियाणा.जीओवी.इन पर तीस नवंबर तक आवेदन करना होगा। ग्राम स्तरीय कमेटी (वीएलसी) से सत्यापन होने के बाद पात्र किसानों को प्रोत्साहन राशि का लाभ दे दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग से किसान अनुदान पर रोटावेटर, एमबी प्लाव, सुपर सीडर, हैप्पी सीडर आदि आधुनिक कृषि यंत्रों की खरीद कर सकते हैं। कोई भी किसान धान के फसल अवशेषों को ई-सेतू के माध्यम से भी पराली की गांठ, बेलर व अन्य मशीनों से निपटान करके फसल अवशेषों को बेचकर मुनाफा कमा सकता है तथा इन सभी किसानों को भी 1000 रुपए प्रति एकड़ सहायता राशि प्रदान की जाएगी।