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डीएपी के लिए मारामारी, सुबह 3 बजे कतारों में लगे किसान, खाद नहीं मिलने पर भड़के

डीएपी के लिए मारामारी, सुबह 3 बजे कतारों में लगे किसान, खाद नहीं मिलने पर भड़के
 
डीएपी

गेहूं की बिजाई का सीजन शुरू होने से पहले ही डीएपी के लिए मारामारी शुरू हो गई है। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मंगलवार सुबह तीन बजे ही किसान खाद लेने के लिए जनता भवन रोड स्थित कोऑपरेटिव सोसाइटी पर पहुंच गए। लेकिन खाद उन्हें दोपहर बाद जाकर मिली। इस दौरान जिन किसानों का खाद के लिए टोकन नहीं कटा उन्होंने अपनी नाराजगी जताई। वहीं कुछ किसानों को बिना खाद लिए है लौटना पड़ा। किसानों के मन में यह भय बना हुआ है कि पिछले वर्ष की भांति इस बार भी खाद की किल्लत रहेगी। इसलिए बड़ी तादाद में किसान डीएपी लेने के लिए पहुंच गए। कुछ किसानों ने विभागीय अधिकारियों तथा किसान संगठन के नेताओं पर मिलीभगत से अपने चहेतों को खाद दिलाए जाने का आरोप लगाया। डीएपी के लिए लाइनों में पुरुष ही नहीं बल्कि महिला किसान भी डीएपी लेने पहुंच रही हैं। डीएपी खाद 1350 रुपए के मूल्य पर कोऑपरेटिव सोसायटी पर एक आधार कार्ड पर 5 बैग उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। डीएपी की कमी को देखते हुए मंगलवार को अधिकारियों ने 5 की जगह 3 बैग देने की बात कही। जिससे किसान भड़क गए और विभाग के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान सेल प्वाइंट के अधिकारियों ने टोकन काटने बंद कर दिए। किसानों के रोष को देखते हुए डायल-112 मौके पर पहुंची। पुलिस कर्मचारियों ने किसानों को समझाया।

जानिए... क्या कहना है किसानों का

* केस 1: गांव थिराज निवासी किसान अवतार सिंह ने बताया कि उसे गेहूं की बिजाई करनी है। गेहूं के लिए 6 बैग डीएपी की आवश्यकता है। वह सुबह 4 बजे ही सेल प्वाइंट पर पहुंच गया था। लेकिन लंबे इंतजार के बाद भी उसे खाद नहीं मिल पाई। अधिकारी सिर्फ अपने चहेतों को खाद देने में लगे हैं।

* कैस 2: बड़ागुढ़ा निवासी किसान रुलदू सिंह ने बताया कि उसका गांव शहर से 30 किलोमीटर दूरी पर है। वह सुबह साढ़े 3 बजे लाइन में लग गया था। उससे पहले भी कई गांवों के लोग लाइनों में लगे हुए थे। दोपहर तक उनका नंबर नहीं आया है। अगर डीएपी खाद सब डिपो पर उपलब्ध करवाई जाए तो लोगों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।

सेल प्वाइंट पर 500 से ज्यादा पहुंचे किसान

■ डीएपी लेने के लिए अलसुबह ही किसान लाइनों में लग गए। इस दौरान किसानों की भारी संख्या को देखते हुए अधिकारियों ने लिस्ट बनाई, ताकि खाद सही ढंग से बांटी जा सके। खाद लेने के लिए 500 से ज्यादा किसान पहुंचने पर अव्यवस्था का माहौल पैदा हो गया। इस दौरान अधिकारियों ने खाद बांटना बंद कर दिया। गुस्साए किसानों ने अधिकारियों के खिलाफ रोष जताया। किसानों का कहना है कि डीएपी खाद की मांग ज्यादा है, लेकिन उपलब्धता कम है, इसलिए किसानों को लेने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। डीसी शांतनु शर्मा ने कहा कि आने वाले दिनों में जिले में उर्वरकों, विशेषकर यूरिया और डीएपी की अधिकतम खपत में तेजी आ सकती है। गांव स्तर पर उर्वरक के सुचारू और बेहतर वितरण के लिए कुल आपूर्ति का 40 प्रतिशत हैफेड/पीएसी/सहकारी क्षेत्र के माध्यम से वितरित किया जाएगा।

जिले में डीएपी की कमी नहीं है। अभी तक 10 हजार एमटी आ चुकी है। तीन दिन बाद फिर से रैक लगेगा। अभी गेहूं की बिजाई का सीजन शुरू नहीं हुआ है। किसान स्टॉक करने में लगे हैं। एडवांस में आवश्यकता से ज्यादा खाद लेने की जरूरत नहीं है।" -डॉ. सुखदेव सिंह, उप कृषि निदेशक सिरसा।