रणजीत सिंह के आजाद लड़ने की संभावना के चलते कम्बोज समाज से बनाया भाजपा ने प्रत्याशी, अब कांग्रेस टिकट का इंतजार
इनेलो, जजपा के बाद बुधवार की शाम को भाजपा ने भी अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है। पहली लिस्ट में सिरसा जिले की पांच विधानसभा सीट से रानियां और कालांवाली सीट पर उम्मीदवार घोषित कर दिए है। जबकि ऐलनाबाद, सिरसा और डबवाली को अभी पेंडिंग रखा है। पहली लिस्ट में रानियां सीट पर बड़ा फैसला करते हुए भाजपा ने बिजली मंत्री रणजीत सिंह की टिकट काट दी है। उनकी जगह करीब एक महीने पहले जिलाध्यक्ष बनाए गए शीशपाल कम्बोज को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। शीशपाल कम्बोज लंबे समय से भाजपा संगठन में काम करते रहे है। उन्हें वर्ष 2014 के चुनाव में भी भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया था। उस समय कम्बोज की जमानत जब्त हुई थी। अब एक बार फिर रानियां से उन्हीं पर दांव खेला गया है। कम्बोज जिलाध्यक्ष के अलावा रानियां मार्केट कमेटी के चेयरमैन भी रह चुके है।
सामने जाट प्रत्याशी को देखकर दी भाजपा ने टिकट
सिरसा की रानियां विधानसभा क्षेत्र सीट 2008 के परिसीमन के बाद वजूद में आई थी और इस सीट पर 2009 एवं 2014 में इनेलो को जीत मिली। 2019 में यहां से चौ. रणजीत सिंह आजाद प्रत्याशी के रूप में विधायक चुने गए थे। रानियां में कम्बोज समुदाय के करीब 25 हजार, कुम्हार समुदाय के करीब 20 हजार, जाट समुदाय के करीब 31 हजार एवं जट्ट सिख समुदाय के करीब 23 हजार मतदाता हैं। भाजपा ने यही समीकरण ध्यान में रखते हुए कम्बोज समाज से शीशपाल को पहले जिलाध्यक्ष बनाया था और अब उम्मीदवार बनाया है। सियासत के जानकारों की मानें तो यह भाजपा की रणनीति का हिस्सा है। यहां से इनेलो ने पहले ही अर्जुन चौटाला को मैदान में उतार दिया है। संभवतः रणजीत सिंह भी हो सकता है भाजपा छोड़कर आजाद चुनाव लड़े। जैसा कि वे पहले ही टिकट कटने पर चुनाव लड़ने की बात कह चुके है। ऐसे में जब दो या तीन जाट प्रत्याशी मैदान में होंगे तो भाजपा यहां ओबीसी यानी कंबोज वोट बैंक सहित अन्य को साधने की फिराक में है। हलोपा भी यहां से अपना प्रत्याशी घोषित कर चुकी है।
देसूजोधा को 10 साल बाद फिर मौका
कालांवाली में भाजपा ने इस बार फिर प्रत्याशी बदला है। यहां मास्टर राजेंद्र सिंह देसूजोधा को 10 साल बाद मौका दिया है। पिछली बार 2019 में उन्हें टिकट नहीं मिली थी और अकाली दल से आए पूर्व विधायक बलकौर सिंह को भाजपा प्रत्याशी बनाया था। जो 30 हजार 134 वोट लेकर तीसरे नंबर पर रहे व दूसरे नंबर पर अकाली दल से लड़कर मास्टर राजेंद्र देसूजोधा रहे। उन्हें 33 हजार 816 वोट मिले जबकि कांग्रेस के शीशपाल को 53 हजार 59 वोट मिले। फिलहाल यहां विधायक कांग्रेस के शीशपाल केहरवाला काफी मजबूत चेहरा है। सिटिंग एमएलए की टिकट तय मानी जा रही है। जजपा को यहां प्रत्याशी की तलाश है और आप के पास भी चर्चित चेहरा नहीं है। ऐसे में मास्टर राजेंद्र सिंह देसूजोधा को सीएम नायब सिंह सैनी का जबरदस्त समर्थन मिला है और उन्हें फिर मैदान में उतारा है।
डबवाली विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों की लड़ी में फिर चौटाला परिवार की एंट्री हो गई है। सबसे पहले यहां जजपा ने सिख की टिकट काटकर दिग्विजय चौटाला को मैदान में उतारा है। उनके माता-पिता दोनों डबवाली के विधायक रह चुके हैं। वहीं पंजाबी चेहरे की अटकलों में भाजपा की पहली लिस्ट में डबवाली का प्रत्याशी तय नहीं हुआ जबकि इनेलो ने तेजाखेड़ा फार्म हाउस पर वर्कर मीटिंग बुलाई है। कालांवाली में इनेलो के मास्टर गुरतेज सिंह के बाद भाजपा ने भी 10 साल बाद फिर मास्टर राजेंद्र देसूजोधा को उतारा है। कांग्रेस की बात करें तो कालांवाली के विधायक शीशपाल केहरवाला काफी मजबूत चेहरा है।
सिटिंग एमएलए की टिकट तय मानी जा रही है। जजपा को यहां प्रत्याशी की तलाश है और आप के पास भी चर्चित चेहरा नहीं है। ऐसे में मास्टर राजेंद्र सिंह देसूजोधा को सीएम नायब सिंह सैनी का जबरदस्त समर्थन मिला है और उन्हें फिर मैदान में उतारा है। वह डबवाली हल्का के गांव देसूजोधा से है और सिरसा शहर में रहते हैं।
डबवाली में 2009 से पहले एससी रिजर्व सीट थी। ओपन सीट बनने पर 2009 पहले चुनाव में इनेलो से अजय चौटाला कांग्रेस के डा केवी सिंह हराकर विधायक चुने गए थे लेकिन 2012 में जेबीटी भर्ती घोटाले में दोषी करार दिए जाने से अजय चौटाला तिहाड़ जेल में भेज दिया। इसके बाद 2014 में पहली बार चौटाला परिवार की बहू अजय की पत्नी नैना को चुनाव में उतारा। वह फिर केवी सिंह को हराकर इनेलो से विधायक बनी लेकिन वर्ष 2018 में इनेलो टूट गई। जजपा बनाने पर नैना चौटाला के शामिल होने से इनेलो ने विधानसभा में आपत्ति दर्ज कराई तो उन्हें विधायक पद से अयोग्य करार दिया।
फिर 2019 में यहां से चौटाला परिवार मैदान में नहीं उतरा और सिख कैंडिडेट सर्वजीत सिंह मसीता को
टिकट दी थी। जिन्हें 23002 वोट मिले और वह तीसरे नंबर पर रहे थे। पहले नंबर पर कांग्रेस के अमित सिहाग 66885 वोट लेकर विधायक बने और बड़े अंतर से हारे भाजपा के आदित्य चौटाला 51238 वोट से दूसरे नंबर पर थे। यहां इनेलो के सीताराम को 8825 वोट ही मिले व चौथे स्थान पर रहे। अबकी बार इनेलो की टिकट पर सबकी नजर है। उन्होंने आज तेजाखेड़ा फार्म हाउस में मीटिंग बुलाई है। इस में अभय चौटाला के अलावा पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला के भी शामिल होने की चर्चा है। कांग्रेस से सिटिंग एमएलए की टिकट लगभग तय मानी जा रही है। भाजपा में भी सिख बलदेव मांगेआना और सतीश जग्गा व चौटाला परिवार के आदित्य पर पेंच फंसा है।