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बाल दिवस का दिन सभी बच्चों के लिए बेहद खास : डॉ. नरेंद्र नाथ शर्मा

बाल दिवस का दिन सभी बच्चों के लिए बेहद खास : डॉ. नरेंद्र नाथ शर्मा
 
डॉ. नरेंद्र नाथ शर्मा

जींद के वुड स्टाक स्कूल में बाल दिवस बच्चों के लिए यूं तो हर दिन खास होता है लेकिन 14 नवंबर का दिन हर एक बच्चे के लिए बेहद खास है। यह दिन बच्चों का होता है जिसे बच्चे अपने अध्यापकों व मैनेजमेंट के साथ अपने स्कूल में मनाते हैं। इस मौके पर स्कूल के किंडर गार्डन में कई गतिविधियां हुई जिसमें पेपर फ्लावर बैलून थंब इंप्रेशन से ड्राइंग आदि करवाई गई। यूकेजी कक्षा के बच्चों ने इस उपलक्ष्य में कविता सुनाई। प्रार्थना सभा में लीडर सदन की तरफ से पंडित जवाहर लाल नेहरू को मैनेजमेंट ने फूल अर्पित किए और उसके बाद कक्षा नौवीं की छात्रा सीनू ने स्पीच और कक्षा छठी के छात्रों ने कविता सुनाई। इस मौके पर स्कूल निदेशक डॉ. नरेंद्र नाथ शर्मा व उपनिदेशक आशुतोष शर्मा ने बच्चों की प्रशंसा करते हुए कहा कि आज का दिन हम सभी के लिए बेहद खास है। आज हम न सिर्फ हमारे देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती मना रहे हैं बल्कि उनकी याद में बाल दिवस मना रहे हैं। इसी के साथ स्कूल प्राचार्या सुकृति शर्मा ने इस खास मौके पर कहा कि आज के बच्चे कल का भारत बनाएंगे तो आइए प्रतिज्ञा लें और यह सुनिश्चित करें कि प्रत्येक बच्चे को सीखने-बढ़ने के लिए एक सुरक्षित वातावरण मिले और सभी विद्यार्थियों को बाल दिवस की शुभकामनाएं दी।


यदुवंशी विद्यालय में धूमधाम से मनाया गया बाल दिवस

यदुवंशी विद्यालय के प्रांगण में बाल दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य जतिन कथूरिया ने बच्चों को प्रार्थना सभा में संबोधित करते हुए कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू का बच्चों के प्रति गहरा लगाव था। उन्होंने अपने व्यस्त जीवन में से बच्चों के लिए समय निकाला और हमेशा उनके विचारों को जानने की कोशिश की। पंडित नेहरू ने अपने जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव दिया, ताकि बच्चों के प्रति समाज की जागरूकता बढ़े। प्रधानाचार्य जतिन कथूरिया ने आगे कहा कि पंडित नेहरू बच्चों से मिलकर उनकी समस्याओं को समझते थे और उनका मार्गदर्शन करते थे। विद्यालय के सभी अध्यापकों ने भी अपने प्रेरणादायक विचार बच्चों के साथ साझा किए और उन्हें जीवन में सफलता पाने के लिए उत्साहित किया।
बाल दिवस के उपलक्ष्य में विद्यालय में कई रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए गए। बच्चों ने खेल प्रतियोगिताओं जैसे 100 मीटर रेस, 200 मीटर रेस, लॉन्ग जंप, कबड्डी और खो-खो में भाग लिया। इसके अलावा, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी बच्चों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया और अपने जीवन के उद्देश्यों के बारे में बताया। सभी बच्चे बहुत खुश नजर आ रहे थे और उन्होंने कार्यक्रम को खुशी और उत्साह के साथ पूरा किया। उन्होंने कहा कि जैसे पंडित नेहरू बच्चों के लिए हमेशा समय निकालते थे, हम सबको भी बच्चों की शिक्षा और कल्याण के लिए समर्पित रहना चाहिए। खासकर, गरीब बच्चों के लिए हमें हमेशा तैयार रहना चाहिए, ताकि वे भी अपनी शिक्षा के माध्यम से समाज में उच्च स्थान प्राप्त कर सकें। यदुवंशी ग्रुप ने गरीब बच्चों को गोद लेकर उनके भविष्य को संवारने का कार्य किया है, ताकि वे गरीबी को शिक्षा के माध्यम से दूर कर सकें और आत्मनिर्भर बन सकें। प्रधानाचार्य ने सभी बच्चों को शिक्षा के महत्व को समझाते हुए प्रेरित किया और उनसे अपील की कि वे अपने जीवन में मेहनत और लगन से काम करें, ताकि वे अपने सपनों को पूरा कर सकें। इस प्रकार यदुवंशी विद्यालय में बाल दिवस का यह आयोजन बच्चों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बन गया।