हरियाणा, पंजाब में पराली जलाने वाले किसानों की अब खैर नहीं, केंद्र सरकार ने गठित की 26 केंद्रीय टीम
हरियाणा और पंजाब में पराली जलने वाले किसानों पर केंद्र सरकार अब सख्त एक्शन लेने के मूड में आ गई है। केंद्र सरकार ने हरियाणा और पंजाब में पाली जलाने से रोकने हेतु 26 केंद्रीय टीम में गठित की हैं। इसके लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) विशेष प्रयास कर रहा है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने 26 केंद्रीय टीमों को दोनों राज्यों के हाटस्पाट वाले जिलों में तैनात किए हैं। ये टीमें जिला प्रशासन के संपर्क में रहेंगी। ताकि धान की कटाई के बाद बगैर पराली जलाए उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से बेहतर निस्तारण किया जा सके।
सीएक्यूएम के अनुसार, पराली का खेत में ही निस्तारण या किसी दूसरी जगह ले जाकर प्रबंधन करना होगा। इसके अलावा पराली जलाने की घटनाओं की रोकथाम की निगरानी व समन्वय के लिए चंडीगढ़ में एक धान पराली प्रबंधन प्रकोष्ठ का गठन होगा।
15 सितंबर से नौ अक्टूबर के बीच पराली जलाने की 454 घटनाएं हुई
सीएक्यूएम के मुताबिक, 15 सितंबर से नौ अक्टूबर के बीच पराली जलाने की 454 घटनाएं हुई हैं। इसमें 267 घटनाएं पंजाब और 187 हरियाणा में हुई हैं। इसके मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी और इसके आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन अधिनियम 2021 की धारा 14 (2) के तहत सीएक्यूएम ने हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के सभी जिला अधिकारियों को पराली जलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार दे दिया है। केंद्र सरकार द्वारा गठित टीमों के अनुसार दिन ढलते ही धान की पराली जलाने का सिलसिला शुरू हो जाता है। जलाई जा रही पराली से निकलने वाले धुंआ के कारण हवा दूषित होती जा रही है। जिसको लेकर लोगों को दूषित हवा में सांस लेने में परेशानी हो रही है। देहात में दिन निकालने पर पराली जलाने से होने वाले धुंआ के कारण कोहरा जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
किसानों को पराली जलाने से रोकने हेतु अधिकारियों ने चलाया जागरूकता अभियान
जिले से लेकर गांव तक धान की पराली न जलने को लेकर अधिकारियों ने जागरूकता के लिए अभियान चलाया, जिसमें अधिकारियों ने पराली जलाने से होने वाले नुकसान से भी किसानों को अवगत कराया। इसके बाद भी अगर कोई किसान धान की पराली जलते हुए पकड़ा गया तो उसके लिए होने वाली कार्यवाही से भी अवगत कराया गया। पराली जलाने की घटनाएं पूरी तरह से खत्म करने को कहा
जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन अधिनियम 2021 की धारा 14 (2) के तहत सीएक्यूएम ने बृहस्पतिवार को हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के सभी जिला अधिकारियों को विशेष अधिकार प्रदान किए हैं। आयोग के सदस्य सचिव अरविंद नौटियाल द्वारा उक्त राज्यों के मुख्य सचिवों को जारी किए गए निर्देशों में पराली जलाने की घटनाएं पूरी तरह से खत्म करने को कहा गया है।