Haryana news: हरियाणा में AAP कांग्रेस का गठबंधन नहीं हुआ AAP ने भी उम्मीदवारों की पहली लिस्ट की जारी
HARYANA NEWS:हरियाणा में आम आदमी पार्टी (AAP) अकेले विधानसभा चुनाव लड़ेगी। पार्टी ने सोमवार को दोपहर बाद 20 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। AAP की इस लिस्ट से साफ है कि अब वह इस चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन नहीं करेगी। इससे पहले AAP के हरियाणा अध्यक्ष सुशील गुप्ता ने भी कहा था कि अगर आज बात सिरे न चढ़ी तो पार्टी सभी 90 सीटों पर उम्मीदवार उतार देगी।
कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन न होने की बड़ी वजह सीट शेयरिंग है। AAP कांग्रेस से 10 सीटें मांग रही थी। यह सीटें पंजाब और दिल्ली के बॉर्डर से सटे जिलों में थी। आप का तर्क था कि दोनों जगह उनकी सरकार है, इसलिए उन्हें फायदा होगा।
इसके उलट कांग्रेस सिर्फ 5 सीट देने पर अड़ी रही। कांग्रेस ने AAP की दिल्ली-पंजाब बार्डर इलाकों की सीटों की मांग भी ठुकरा दी और शहरी क्षेत्रों में लड़ने के लिए कहा।
राज्य में 90 विधानसभा सीटों पर सिंगल फेज में 5 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। 8 अक्टूबर को नतीजे घोषित होंगे।
AAP की पहली लिस्ट की खास बातें
* AAP ने इन 20 उम्मीदवारों में से 12 सीटों पर पहली बार उम्मीदवार उतारे हैं। इस लिस्ट में सिर्फ उचाना कलां से पवन फौजी को रिपीट किया है। बाकी 19 चेहरे नए हैं।
* कैथल जिले की कलायत सीट से AAP ने पार्टी के प्रदेश सीनियर उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा को टिकट दिया है। कैथल जिला कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला का गढ़ वाला जिला माना जाता है।
* पुंडरी से उम्मीदवार बनाए नरेंद्र शर्मा प्रदेश में मंत्री रह चुके हैं। वह इस सीट से लगातार 5 चुनाव हार चुके हैं। लोकसभा चुनाव से पहले ही उन्होंने आम आदमी पार्टी जॉइन की थी।
बाबरिया की बिगड़ी तबीयत, गठबंधन पर नहीं हुई मीटिंग
हरियाणा विधानसभा चुनाव में आप के साथ सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस की ओर से पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया बातचीत कर रहे थे, लेकिन सुबह तड़के तबीयत बिगड़ जाने के बाद वह घर में आराम कर रहे हैं। डॉक्टरों ने भी सलाह दी है कि वह कोई भी फिजिकल एक्टिविटी न करें। ऐसे में सोमवार को AAP के साथ कांग्रेस की कोई मीटिंग नहीं हो पाई।
हुड्डा-सुरजेवाला कर रहे थे विरोध
कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी के गठबंधन का पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला विरोध कर रहे थे। दोनों नेताओं का कहना था कि हरियाणा में इस समय कांग्रेस के पक्ष में माहौल है। बीजेपी को हराने के लिए हमें हर सीट पर मजबूत प्रत्याशी लड़ाने की जरूरत है। जिसके बाद राहुल गांधी ने गठबंधन के फैसले पर एक कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट में गठबंधन नहीं करने करने की सलाह दी।