Haryana Pension Scheme: हरियाणा में सकुशल व्यक्ति 11 साल तक लेता रहा दिव्यांग पेंशन, अधिकारियों की बड़ी लापरवाही आई सामने
Haryana News: हरियाणा में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। अधिक जानकारी के लिए बता दे की हरियाणा के यमुनानगर में अधिकारियों की लापरवाही सामने आती है। 11 वर्षों तक ने उठाया दिव्यांग पेंशन का लाभ 5 वर्ष पहले जब पता चला कि वह व्यक्ति विकलांग नहीं है, शिकायत हुई, उसकी पेंशन तो बंद कर दी गई। लेकिन विभाग के द्वारा फिर सबसे बड़ी लापरवाही की गई। विभाग को पता चलने के बाद भी उसके खिलाफ न तो कोई कार्रवाई हुई न ही विभाग उससे रिकवरी करवा सका।
अभी तक रिकवरी नहीं
विभाग ने उसे 1 लाख 55,249 की रिकवरी करनी है। मामला यमुनानगर के चबूतरो गांव का है। जहां मदनलाल नामक व्यक्ति ने विभाग को 2018 में शिकायत की कि उसी के गांव का रहने वाला हरमेश दिव्यांग पेंशन ले रहा है, जबकि वह दिव्यांग नहीं है। मामले की प्राथमिक जांच के बाद उसकी पेंशन बंद कर दी गई। लेकिन रिकवरी नहीं की गई। शिकायतकर्ता मदनलाल इसके बाद भी विभाग को शिकायतकर्ता रहा। मुख्यमंत्री, राज्यपाल को शिकायतें भेजी। शिकायतों की जांच भी हुई। लेकिन इसके बावजूद रिकवरी नहीं हुई।
यह मामला अब जोरों से प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया है। बता दे की समाज हितकारी संगठन का कहना है कि मामले की गहराई से जांच होनी चाहिए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त एक्शन लिया जाए।
अब मुकदमा दर्ज करने के आदेश
अधिक जानकरी के लिए बता दे की मदनलाल ने इसको लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में शिकायत दी। इसके बाद हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन को रिकवरी के लिए लिखा। इस दौरान जांच की गई और पाया गया कि आरोपी हरमेश के खिलाफ कोई चल-अचल संपत्ति ही नहीं है, रिकवरी नहीं हो सकती। इसके बाद पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने इस संबंध में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। अब जिला समाज एवं कल्याण अधिकारी विशाल सैनी ने आरोपी हरमेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है। हरमेश की पेंशन 1 दिसंबर, 2007 में शुरू हुई थी और वह 30 जून 2018 तक पेंशन लेता रहा। हैरानी की बात यह है कि हरमेश किस सर्टिफिकेट के आधार पर विकलांग साबित हुआ और उसकी पेंशन शुरू हुई उसका आज तक विभाग के पास कोई रिकॉर्ड सामने नहीं आया है।