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शिव परिवार की प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब सांसद ने स्वयंसेवको के साथ मिलकर श्रद्धालुओं को कराया भंडारा

 
सांसद सतपाल ब्रह्मचारी

सांसद सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि जो व्यक्ति धर्म की राह पर चलता है वही सही मायने में जरूरतमंदों की मदद कर सकता है। क्योंकि धर्म यही सिखाता है कि दूसरों की मदद करने से ही प्रभु की कृपा बरसती है। इसलिए हर कोई अपने व्यस्त समय में से समय निकालकर अपने आराध्य की पूजा अर्चना जरूर करें। जागरण, सत्संग और कीर्तनों में शिरकत जरूर करें।

धार्मिक कार्यक्रमों में शिरकत करने से मनुष्य में उर्जा बढ़ती है और वह पुण्य के कार्यों की तरफ बढ़ता है। सांसद सतपाल ब्रह्मचारी ने ये शब्द रविवार को गांव गांगोली में स्वामी जयनारायण आश्रम में स्थित शिव कुटी मंदिर में शिव परिवार की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आए हुए हजारों श्रद्धालुुओं को सम्बोधित करते हुए कहे। इस दौरान मंदिर में अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित की गई। मंदिर में ईश्वर समक्ष अपनी मनोकामनाओं की प्रार्थना के लिए आस-पास के गांवों के हजारों श्रद्धालु आए हुए थे। मंदिर के महत्व को जानने वाले श्रद्धालु दिल्ली, चंडीगढ़, जयपुर, हिमाचल, गुडगांव, बेंगलुरू और मुम्बई से भी आए हुए थे।

इस अवसर पर दूर-दराज से दर्जनों साधु-संतों के अलावा, मंदिर पुजारी कुलदीपानंद ब्रह्मचारी, पूर्व विधायक सुभाष गांगोली, स्वामी चंद्रानंद, ब्राह्मण सभा के पूर्व प्रधान धर्मवीर पिंडारा, सियाराम शास्त्री, वेदपाल भनवाला, डॉ. सुशील, मास्टर वजीर सिंह, एमसी संजय वत्स, पवन मलिक सहित सैंकड़ों धार्मिक एवं सामाजिक सगंठनों के लोगों ने शिरकत की।

मंदिर परिसर और प्रांगण में लगे विशाल भंडारे के दौरान स्वयंसेवकों के साथ सांसद सतपाल ब्रह्मचारी भी श्रद्धालुओं को भंडारा खिला रहे थे। आश्रम संचालक सांसद सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि पुजनीय स्वामी जयनारायण ने इस पावन स्थली पर करीब 13 वर्षों तक मौन रहकर गुफा में तपस्या की थी। उनकी वाणी का एक-एक शब्द सिद्ध होता था। इसलिए स्वामी जयनारायण के दर्शन गुफा से गुजरने के बाद ही होते है। मंदिर पुजारी और श्रद्धालुओं के सहयोग से ही आज भव्य कार्यक्रम में आयोजित हुआ है। उन्होंने कहा कि जहां नित भजन, कीर्तन होते है उस स्थान पर निश्चित तौर पर सकारात्मक उर्जा का संचार होगा। उन्होंने कहा कि भक्ति में ही शक्ति होती है। इसलिए सच्चे मन से की कई भक्ति का परिणाम निश्चित तौर पर सार्थक मिलता है।