इस तारीख तक हरियाणा पहुंच जाएगा 85 हजार टन डीएपी खाद ,2.15 लाख टन डीएपी की जरूरत, इंटर स्टेट बॉर्डर पर बढ़ेगी चेकिंग

रबी सीजन में डीएपी खाद को लेकर सभी इंटर स्टेट नाकों पर चौकसी बढ़ा दी गई है, ताकि हरियाणा से दूसरे राज्यों में डीएपी की सप्लाई न हो सके। डीएपी के डीलर्स को भी स्टॉक मेनटेन रखना होगा। रबी सीजन में 2.15 लाख टन डीएपी की दरकार होगी।
प्रदेश में 31 अक्टूबर तक 85 हजार टन डीएपी और पहुंच जाएगा। चूंकि नवंबर में गेहूं बिजाई तेज होती है, ऐसे में कृषि विभाग ने निर्णय लिया है कि प्रदेश में डीएपी की कमी पहले से दूर कर ली जाए। राज्य सरकार ने केंद्र से भी डीएपी ज्यादा मात्रा में उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। अबकी बार प्रदेश में 25 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बिजाई की जाएगी। इसके अलावा सरसों की भी बिजाई होनी है। कृषि विभाग का दावा है कि खाद की कमी प्रदेश में नहीं रहने दी जाएगी। बता दें कि प्रदेश में रबी सीजन में अक्टूबर 2023 में 1.19 लाख टन से ज्यादा डीएपी की खपत हुई थी।
इस बार 12 हजार मीट्रिक टन डीएपी आ चुका है। कृषि विभाग ने सभी डीसी को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि बार्डर एरिया पर ज्यादा चौकस नजर रखें। डीएपी की खेप हरियाणा से बाहर न जाने पाए। नाकाबंदी के लिए टीमें गठित की जाएं।
गेहूं की बिजाई से बढ़ने लगेगी खाद की खपत
प्रदेश में अभी भी डीएपी की मांग है, लेकिन 25 अक्टूबर से प्रदेश के किसान गेहूं की बिजाई शुरू कर देते हैं। ऐसे में खाद की मांग तेजी से बढ़ने लगेगी। कृषि विभाग ने किसानों से आह्वान किया है कि वे उतना ही खाद लें, जितनी जरूरत है। खाद लगातार आ रहा है, किसी तरह की कमी नहीं आएगी। उधर, कृषि विभाग ने सभी जिला उप कृषि निदेशकों को कहा है कि जो भी खाद की ब्लैक करे, उस पर नजर रखें। तुरंत प्रभाव से ऐसे व्यक्ति पर कार्रवाई की जाए। डीलर्स का रजिस्टर रोजाना चेक हो। विभाग को यह मालूम हो कि डीलर ने दिन में किस किसान को कितना खाद बेचा है।