haryana news:प्रदेश की मंडियों में पहुंचा 80 हजार टन धान, दूसरे दिन 9 हजार टन धान खरीद हुई ,मिलर्स हड़ताल पर, सरकार की खरीद में नमी बन रही रोड़ा, किसान परेशान
haryana news:प्रदेश की अनाज मंडियों में धान की आक्क ने तेजी पकड़ ली है। लेकिन खरीद ने रफ्तार नहीं पकड़ी है। अब तक करीब 80 हजार टन धान मंडियों में पहुंच चुका है। जबकि करीब 11 हजार टन धान की खरीद हुई है। अब तक यमुनानगर में 3 हजार, अम्बाला में 2800 टन, कुरुक्षेत्र में 4100 टन से ज्यादा सहित कुल 7 जिलों में धान खरीद की गई है। अन्य जिलों में पंचकूला, कैथल, करनाल, पानीपत भी शामिल हैं।
सबसे अधिक आक्क यमुनानगर जिले में 20 हजार टन से ज्यादा हुई है। अम्बाला में 17 हजार टन, कैथल में 10 हजार टन, कुरुक्षेत्र में 18 हजार टन, करनाल में 9 हजार टन, पंचकूला में 3 हजार टन सहित 12 जिलों में धान की
आक्क होने लगी है। प्रदेश सरकार, राइस मिलर्स के बीच मांगों पर आपसी सहमति नहीं बनने के करण पानीपत जिला समेत प्रदेश की कई मंडियों में शनिवार को पीआर धान की सरकारी खरीद नहीं हो सकी। मिलर्स ने अभी तक पीआर धान की पेराई के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। प्रदेशभर में मिलर्स की मांग है कि सरकार 100 किलो धान के बदलने 60 किलो चावल लेने का नियम बनाएं।
इसकी दूसरी मांग रेट बढ़वाने की है। इनका कहना है कि धान की मिलिंग का रेट 30 सालों से 10 रुपए प्रति क्विंटल चलता आ रहा है। जबकि धान पिराई का खर्च प्रति क्विंटल 120 रुपए हो जाता है। इसलिए नए रेट रिवाइज करके लागू किए जाएं। इस सब के बीच मंडियों में धान लेकर पहुंचा किसान सुचारु खरीद नहीं होने की वजह परेशान है। यमुनानगर की मंडियों में पहले खरीदे गए धान का उठान नहीं हुआ है। कुछ धान नमी की वजह से नहीं बिक सका है। इसलिए खरीद प्रभावित हो रही है।
कुरुक्षेत्र में आढ़ती भी नहीं कर रहे सहयोग
राइस मिलर्स अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। आढ़ती भी एजेंसी को धान भराई में सहयोग नहीं कर रहे हैं। वहीं दूसरे दिन कुरुक्षेत्र जिले की मंडियों में खरीद के नाम पर औपचारिकता हुई। मंडियां धान से अटी पड़ी हैं। शनिवार को 29 हजार क्विंटल परमल धान एजेंसी ने खरीदी। थानेसर अनाज मंडी में शनिवार को हैफेड के अधिकारियों ने तीनों आढ़ती एसोसिएशन संग बैठक की। आढ़तियों ने उठान 24 से 72 घंटे में किए जाने का शपथपत्र एजेंसी से मांगा। अधिकारी कोई उत्तर नहीं दे पाए। वहीं आढ़तियों ने खरीद में सहयोग नहीं करने की घोषणा कर दी। व अधिकारियों ने नमी की जांच भी की। धान में 17% के बजाय 90% नमी मिली
कैथल में धान में ज्यादा नमी बनी खरीद में दिक्कत
कैथल जिले की मंडियों में भी सरकारी खरीद नहीं हुई। चीका, कैथल मंडी में 30 हजार क्विंटल पीआर धान को खरीददारी का इंतजार है। मिलर्स की हड़ताल जारी है। इससे आगे भी खरीद में दिक्कत आ सकती है। एजेंसियां खुद खरीद करने प्रयास तो कर रही हैं। लेकिन बेरियों में ज्यादा नमी आड़े आ रही है। उधर, आढ़ती भी सहयोग नहीं कर रहे हैं।