हरियाणा में 6.80 लाख किसानों को बोनस के ₹700 करोड़ का इंतजार, जाने कब पूरा होगा किसानों का इंतजार

खरीफ सीजन में कम बरसात की वजह से फसलों की समय पर बिजाई न करने वाले किसानों को सरकार ने 2000 रुपए प्रति एकड़ बोनस देने का निर्णय लिया था। 15 अगस्त तक जिन किसानों ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करा दिया था, उनको यह राशि दी जा चुकी है। अब तक करीब 525 करोड़ रुपए किसानों के खातों में जा चुके हैं। जबकि शेष करीब 700 करोड़ रुपए की राशि किसानों को दी जानी है। चुनाव आचार संहिता के कारण किसानों को यह राशि नहीं मिल पाई है। अब कृषि विभाग इसकी फाइल तैयार कर रहा है, ताकि इसे वित्त विभाग के पास भेजा जा सके। वित्त विभाग से मंजूरी मिलने के बाद शेष किसानों के खातों में यह राशि भेजी जाएगी। सूत्रों का कहना है कि अब तक जिन किसानों को यह राशि मिली है, उनमें साढ़े 11 एकड़ तक के किसान शामिल हैं।
सीएम नायब सैनी ने 16 अगस्त को किसानों के खातों में 525 करोड़ रुपए की राशि जारी की थी। यह राशि प्रदेश के 5.20 लाख किसानों को मिल चुकी है। प्रदेश में अबकी बार करीब 12 लाख किसानों ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर आवेदन किया है। अभी भी 6.80 लाख से ज्यादा किसानों की राशि बकाया है। प्रदेश में किसानों ने 68 लाख एकड़ रकबा खरीफ में पंजीकृत कराया है। पहली बार ऐसा हुआ है जब बासमती धान को भी किसानों ने पंजीकृत कराया है, अमूमन ऐसा नहीं होता था।
सफेदे व पापुलर वाले खेतों के लिए नहीं मिलेंगे
कृषि विभाग ने ऐसे किसानों की फसलों की जांच भी की है। जिन खेतों में सफेदा या पापुलर के पेड़ हैं, उन किसानों को खरीफ फसल की बोनस राशि नहीं मिलेगी। हालांकि सरकार ने निर्णय लिया है कि बागवानी करने वाले किसानों को भी 2000 रुपए प्रति एकड़ मिलेंगे। इसके लिए कृषि एवं बागवानी विभाग ने रिपोर्ट भी तैयार कराई है। ऐसे में काफी किसान ऐसे हैं जो इस मुआवजा राशि के लिए योग्य नहीं मिले हैं।
कुछ किसानों के खाते सही नहीं, ट्रांजेक्शन में दिक्कत
सूत्रों का कहना है कि जिन किसानों के खातों में राशि भेजी गई थी, उनमें से कई खाते ऐसे हैं जिनमें राशि ट्रांसफर नहीं हो पाई है। इन खातों में कमियां हैं। जिसे दूर करने के लिए कहा गया है। करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर नहीं हो पाई है और यह वापस आ गई है। अब विभाग ने ऐसे किसानों से संपर्क कर खाता सही करने का आग्रह किया है, ताकि किसान को बोनस का लाभ मिल सके।
जून- जुलाई में कम हुई थी बरसात
अबकी बार प्रदेश में जून व जुलाई में कम बरसात हुई थी। इस कारण सीएम नायब सैनी ने निर्णय लिया था कि कम बरसात होने के कारण किसानों को नुकसान हुआ है और इसके लिए सरकार ने 2000 रुपए प्रति एकड़ मुआवजा राशि देने का निर्णय लिया था। प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लगने के कारण काफी किसानों को पहले यह राशि मिल गई थी, लेकिन शेष किसानों की राशि अभी भी अटकी हुई है।