वित्त मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष के बजट में प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना में सीमा 10 लाख से 20 लाख करने का किया ऐलान।

वित्त मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत लोन की अधिकतम सीमा को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख करने का एलान किया है, जिससे अधिक से अधिक छोटे उद्यमी बिना गिरवी वाले इस कर्ज का फायदा उठा सकें। हालांकि, दूसरी तरफ नीति आयोग ने मुद्रा लोन के तहत बढ़ रही गैर निष्पादित NPA या उलझे हुए कर्ज पर चिंता जाहिर की है।
आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि npa को बढ़ने से रोकने के लिए ekyc,Msme के उद्यम पोर्टल से उद्यमियों की जानकारी जुटाने के साथ एक ऐसा मैकेनिज्म तैयार करने की जरूरत है, जिससे छोटे उद्यमियों की पृष्ठभूमि का सही पता लग सके। इसके अलावा, उनके उद्यम प्रदर्शन की निगरानी की जा सके। ऐसा करने पर ही बैंकों का जोखिम कम हो सकेगा, क्योकि लोन बिना किसी गिरवी के दिया जाता है।
Mudra loan की क्या है ब्याज दरें।
ब्याज दर बैंक / लोन संस्थान पर निर्भर है। बिजनेस प्लान और इस लोन के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति का क्रेडिट रिकार्ड ब्याज दर तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लोन नहीं किशोर : चुका पाने की स्थिति में बैंक सामान्य कर्ज की तरह वसूली करते हैं
सबसे अधिक एनपीए सरकारी बैंकों का। माइक्रो वित्तीय संस्था, निजी बैंक, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी, सरकारी बैंक और स्माल फाइनेंस बैंक मुद्रा लोन देने का काम करते हैं।
इस loan से जुड़े जोखिम में कमी पर ही mudra Yojana की सफलता निर्भर करेगी।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार , वित्त वर्ष 2022-23 तक 41.16
करोड़ खाते में 22.89 लाख करोड़ रुपये लोन दिए जा चुके हैं। पिछले आठ सालों में सिर्फ वित्त वर्ष 2020- 21 को छोड़ सभी वित्त वर्ष में लक्ष्य से अधिक मुद्रा लोन देने का काम किया गया है। वित्त वर्ष 2022-23 में 4.40 se adhikलाख करोड़ लोन देने का लक्ष्य रखा गया था, जबकि इस अवधि में 4.50 लाख करोड़ रुपये के लोन दिए गए। नीति आयोग की चिंता इस बात को लेकर है कि वर्ष 2017 से 2022 तक npa account की संख्या - में 22.51 प्रतिशत तो एनपीए राशि - में 36.61 प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी हो रही है। सबसे अधिक npa
सरकारी बैंकों का है। मुद्रा लोन लेने के लिए इच्छुक आवेदक सीधे बैंक जाकर आवेदन कर सकता है। इस लोन के लिए आनलाइन आवेदन भी किया जा सकता है।
तीन श्रेणियों में दिया जाता है लोन
मुद्रा योजना वर्ष 2015 में शुरू की गई थी ताकि 10 लाख रुपये तक का लोन एमएसएमई बिना किसी गिरवी के ले सकें। इस योजना के तहत शिशु, किशोर और तरुण तीन श्रेणी के तहत लोन दिए जाते हैं।
शिशुः इस श्रेणी के तहत एक आवेदक 50,000 रुपये तक का लोन प्राप्त कर सकता है। ये लोन उन लोगों को दिया जाता है, जो पहली बार अपना व्यवसाय शुरू कर रहे हैं।
किशोर : इस श्रेणी के तहत एक आवेदक 50,000 रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक लोन प्राप्त कर सकता है। इस प्रकार का लोन उन आवेदकों के लिए उपयुक्त है जो अपना व्यवसाय शुरू कर चुके हैं, लेकिन इसे स्थापित करने के लिए कुछ और धन की आवश्यकता है।
तरुण: इस श्रेणी के तहत, एक आवेदक 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये का लोन प्राप्त कर सकता है। यह उन लोगों को दिया जाता है जिनके व्यवसाय स्थापित हैं, लेकिन उन्हें अपने व्यवसायों को बढ़ाने के लिए धन की आवश्यकता है।
आयोग ने अपनी सिफारिश में कहा कि मुद्रा लोन को व्यापक बनाने के लिए इसके प्रमोशन और विज्ञापन की जरूरत है ताकि लोग सीधे तौर पर बैंक से इस लोन के लिए संपर्क साध सकें। लोन लेने के इच्छुक लोगों को जरूरी दस्तावेज की जानकारी नहीं होती है। मुख्य रूप से सिबिल स्कोर और जरूरी दस्तावेज के अभाव में मुद्रा लोन नामंजूर होते हैं।