विदेश जाने वाले सभी लोगों के लिए जरूरी नहीं है टैक्स क्लीयरेंस।
विदेश जाने के लिए टैक्स क्लीयरेंस सर्टिफिकेट (text liye race certificate)अनिवार्य करने संबंधी बजट प्रस्ताव पर सरकार ने स्पष्टीकरण जारी किया है। वित्त मंत्रालय का कहना है कि प्रस्तावित संशोधन सभी के लिए नहीं है और केवल उन्हीं व्यक्तियों को क्लीयरेंस लेना होगा, जिन पर वित्तीय अनियमितता का आरोप है या उन पर ज्यादा कर बकाया है।
मंत्रालय ने वित्त विधेयक, 2024 में काला धन अधिनियम, 2015 के संदर्भ को उन अधिनियमों की सूची में जोड़ने का प्रस्ताव दिया है, जिसके तहत किसी भी व्यक्ति को टैक्स क्लीयरेंस प्रमाणपत्र(tax ke liye rates certificate) प्राप्त करने के लिए अपनी देनदारियों को चुकाना होगा।
मंत्रालय ने कहा कि ऐसे व्यक्ति को भी टैक्स क्लीयरेंस सर्टिफिकेट (text clearance certificate)लेना होगा, जिसके खिलाफ 100 लाख रुपये से अधिक का प्रत्यक्ष कर बकाया है और उस पर किसी प्राधिकरण द्वारा रोक नहीं लगाई गई है। प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त या
मुख्य आयकर आयुक्त से अनुमोदन लेने के बाद ही टैक्स क्लीयरेंस सर्टिफिकेट(text kaliren certificate) दिया जा सकता है। ऐसा सर्टिफिकेट आयकर प्राधिकरण(certificate iker pradhikaran) द्वारा ही जारी किया जा सकता है, जिसमे यह साफ-साफ लिखा हो कि ऐसे व्यक्ति पर किसी तरह का कर देय नहीं है।
ज्यादा रिफंड के लिए फर्जी दावे न करें करदाता(farji refund)
आयकर विभाग (aaykar vibhag)ने रिटर्न(rtr) दाखिल करने वालों से कहा है कि वे खर्च संबंधी फर्जी दावे नहीं करें और अपनी कमाई को कम करके न)हीं दिखाएं। विभाग ने कहा कि बढ़ा-चढ़ाकर और फर्जी दावे करना दडनीय अपराध (dandniy apradh)है और इससे रिफंड(refund process) जारी करने में देरी होती है। सभी करदाताओं के लिए आकलन वर्ष 2024-25 के लिए आइटीआर(ITR) दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है, जिसके बाद खातों का आडिट(idt) नहीं किया जाएगा।