RBI:रेपो रेट लगातार 10वीं बार नहीं बदला,लोन बंद करने या प्री-पेमेंट पर जुर्माना नहीं

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने लगातार 10वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट, वह दर होती है, जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है। इसमें कमी होने पर बैंक ब्याज दरों में कटौती करते हैं, जिससे होम लोन, कार लोन आदि की ईएमआई घटती है। आरबीआई ने इसे 6.5% पर स्थिर रखा है। हालांकि, महंगाई की स्थिति देखते हुए दिसंबर में इसमें कटौती की उम्मीद है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा बैठक के बाद यह घोषणा की। वहीं
आरबीआई ने त्योहारी सीजन में बड़ी राहत देते हुए फ्लोटिंग रेट वाले टर्म लोन बंद करने पर फोरक्लोजर चार्जेज या प्री-पेमेंट पेनल्टी खत्म कर दी है। मतलब यह कि लोन को समय से पहले बंद करने या बीच में एकमुश्त राशि देकर लोन कम करने पर लगने वाला जुर्माना अब नहीं वसूला जा सकेगा। बैंक या एनबीएफसी होम लोन तो फ्लोटिंग रेट पर देते हैं, जबकि गोल्ड लोन, कार लोन और एजुकेशन लोन की ब्याज दरें फिक्स्ड होती हैं।
इसके अलावा, माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइजेज को भी फ्लोटिंग रेट वाले टर्म लोन बंद करने पर फोरक्लोजर चार्जेज या प्री-पेमेंट पेनल्टी नहीं देनी पड़ेगी। बता दें कि फ्लोटिंग रेट पर लिए गए लोन पर ब्याज दरें रेपो रेट में बदलाव के साथ घटती-बढ़ती रहती हैं।
यूपीआई लाइट में ट्रांजेक्शान लिमिट ₹1,000 की, वॉलेट की सीमा 22 हजार से 5 हजार की। यूपीआई लाइटः यूपीआई लाइट की प्रति ट्रांजेक्शन लिमिट 500 रु. में बढ़ाकर 1000 रु. कर दी गई है। इसके अलावा, अब यूपीआई लाइट वॉलेट में 5 हजार रु. रख सकेंगे, यह लिमिट पहले दो हजार रु. थी।
* यूपीआई की तरह आरटीजीएस और एनईएफटी में पैसा पाने वाले का सत्यापन होगाः यूपीआई और आईएमपीएस के जरिए पैरख ट्रांसफर करने पर आपको रिसीवर के सत्यापन की सुविधा मिलती है। अब यह सुविधा आरटीजीएस और एनईएफटी में भी मिलेगी। पेमेंट को प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही आप रकम पाने वाले व्यक्ति का नाम और बैंक खाते के नंबर का सत्यापन कर सकेंगे। एक बार नाम और खाते और आईएफएससी कोड डिस्प्ले होने के बाद ही पेमेंट शुरू होगी।
* यूपीआई। 23 पे की लिमिट 5 हजार से बढ़ाकर 10 हजार रु. की गई। यूपीआई 123 पे को सुविधा अब 12 भाषाओं में उपलब्ध होगी। यूपीआई 123पे को सेटअप करने के लिए यूजर्स अपने फीचर फोन पर *99# डायल करके, अपना बैंक चुनकर, अपना डेबिट कार्ड विवरण दर्ज करके और यूपीआई पिन सेट करके यूजेआई आइंडो बनाते हैं।
* यूपीआई से टैक्स भरने की लिमिट भी बढ़ाई गई है। इसे प्रति ट्रांजेक्शन एक लाख रु. से बढ़कर 5 लाख रु. कर दिया गया है। पीडब्ल्यूसी इंडिया को रिपोर्ट के मुताबिक 2028-29 तक यूपीआई पर कुल ट्रांजेक्शन 439 अरब हो जाएगा, जो अभी 131 अरब है।