5 लाख रुपए तक के बीमा पर अब जीएसटी नहीं लगेगी पानी की बोतल ,नोटबुक , साइकिल पर टैक्स घटेगा

जीएसटी दर को आसान बनाने के लिए गठित मंत्रियों के समूह (जीओएम) ने शनिवार को 20 लीटर की पानी की बोतल, साइकिल और अभ्यास नोटबुक पर टैक्स की दरें घटाने का फैसला किया है। वहीं, महंगी कलाई घड़ियों और जूतों पर टैक्स बढ़ाने का सुझाव दिया है। जीओएम ने सावधि जीवन बीमा प्रीमियम और वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी से छूट के संकेत भी दिए हैं।
जीओएम ने 20 ली. और उससे अधिक मात्रा की पानी की बोतलों पर जीएसटी को 18% से घटाकर 5% करने का सुझाव दिया। इसके अलावा अभ्यास नोटबुक पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% करने की सिफारिश भी की गई। इसी तरह 10,000 रुपए से कम कीमत वाली साइकिल पर जीएसटी को 12% से घटाकर 5% करने का सुझाव है। जीओएम ने इसके अलावा 15,000 रुपए से अधिक कीमत वाले जूतों और 25,000 रुपए से अधिक कीमत वाली कलाई घड़ियों पर जीएसटी 18% से बढ़ाकर 28% करने को भी कहा है। इन सिफारिशों पर अंतिम फैसला जीएसटी परिषद करेगी। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता वाली जीएसटी दर युक्तिकरण पर गठित जीओएम के इस फैसले से 22,000 करोड़ रुपए का राजस्व लाभ होगा।
5 लाख रु. से ऊपर के बीमा * प्रीमियम पर 18% जीएसटी जारी
- • जीओएम की बैठक में वरिष्ठ नागरिकों के अलावा अन्य के लिए - 5 लाख रुपए तक के स्वास्थ्य बीमा के लिए भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम पर जीएसटी से छूट देने का निर्णय लिया गया।
* 5 लाख से अधिक के स्वास्थ्य बीमा कवरेज के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर 18% जीएसटी लगता रहेगा। अभी सावधि पॉलिसी व 'फैमिली फ्लोटर' के लिए बीमा प्रीमियम पर 18% जीएसटी लगता है।
* जीएसटी परिषद ने पिछले महीने अपनी बैठक में स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर टैक्स के बारे में निर्णय लेने के लिए 13 सदस्यीय मंत्री समूह गठित किया था। सम्राट चौधरी मंत्री समूह के संयोजक हैं।
प्रति व्यक्ति इंश्योरेंस का इस्तेमाल बढ़ेगा... •
आम आदमी औसतन 5 लाख का हेल्थ इंश्योरेंस कराता है। सीनियर सिटीजन को सबसे ज्यादा मेडिकल मदद की जरूरत
होती है। अगर मंत्रिसमूह की सिफारिशें मानकर जीएसटी की दरें घटाई जाती हैं, तो लोगों को बहुत राहत मिलेगी। साथ ही प्रति व्यक्ति इंश्योरेंस का इस्तेमाल बढ़ेगा।
हर तरह के बीमा से जीएसटी हटाया जाए
* उम्मीद है कि बहुत हद तक इन सिफारिशों को मान लिया जाएगा। हेल्थ इंश्योरेंस पर 18% जीएसटी की दर बहुत ज्यादा है। देश में इंश्योरेंस की पहुंच बढ़ाने के लिए इसे अफोर्डेबिल बनाना बहुत बड़ी जरूरत है। वैसे तो जीएसटी हर तरह के इंश्योरेंस से हटाया जाना चाहिए, लेकिन नहीं हटाते तो कम से कम 5% कर देना चाहिए।
आगे क्या? अब मंत्रिसमूह की सिफारिशों पर अंतिम फैसला जीएसटी परिषद को करना है
13 सदस्यीय मंत्रिसमूह के संयोजक और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा, मंत्रिसमूह का हर सदस्य लोगों को राहत देना चाहता है। वरिष्ठ नागरिकों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। हम परिषद को एक रिपोर्ट सौंपेंगे। अंतिम निर्णय परिषद द्वारा लिया जाएगा। बता दें कि मंत्रिसमूह में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, मेघालय, पंजाब, तमिलनाडु और तेलंगाना के मंत्री शामिल हैं। मंत्रिसमूह को अक्टूबर के अंत तक परिषद को अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया था।