OpsBreaking

नोएल भाई रतन टाटा की तरह शांत व संयमित, साथ ही लो प्रोफाइल रहना पसंद, जाने नोएल टाटा के बारे में

नोएल भाई रतन टाटा की तरह शांत व संयमित, साथ ही लो प्रोफाइल रहना पसंद, जाने नोएल टाटा के बारे में
 
 Noel Bhai Ratan Tata
 Noel Bhai Ratan Tata:टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन के रूप में नोएल टाटा ने रतन टाटा की जगह ले ली है। नोएल ने ग्रुप में शामिल होने के बाद जून 1999 में रिटेल कारोबार की बागडोर संभाली। 2014 में प्रमोट होकर रिटेल बिजनेस के चेयरमैन बने। 2019 में नोएल सर रतन टाटा ट्रस्ट में ट्रस्टी बने। 2022 में सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट के बोर्ड में भी शामिल हो गए। इस साल मई से नोएल के बच्चे लीआ, नेविल और माया भी टाटा ट्रस्ट के 5 परोपकारी संगठनों के बोर्ड में हैं, जो 12.62 लाख करोड़ रुपए के ग्रुप की देखरेख करते हैं।

2011• कम अनुभव के चलते रतन के उत्तराधिकारी के तौर पर नोएल के नाम पर विचार नहीं हुआ था

नोएल अपने बड़े भाई रतन टाटा की तरह शांत व संयमित आचरण के लिए जाने जाते हैं। उनकी खूबी लो-प्रोफाइल नेतृत्व शैली है, जो रतन टाटा के ज्यादा सार्वजनिक रहने के नजरिये के उलट है। जहां रतन को एविएशन से लेकर ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री तक काम करने का अनुभव था। वहीं, नोएल के पास अनुभव की कमी है। जब 2011 में समूह में रतन टाटा के उत्तराधिकारी की तलाश चल रही थी, तब एक विदेशी मीडिया को दिए इंटरव्यू में रतन टाटा ने कहा था कि नोएल के पास अनुभव का अभाव था। इसलिए उनके नाम पर विचार नहीं किया गया। अंततः उनके बहनोई साइरस मिस्त्री ने उनकी जगह ली। मिस्त्री के हटने के बाद टीसीएस प्रमुख एन चंद्रशेखरन टाटा सन्स के चेयरमैन बने।

उपलब्धि • टाटा इंटरनेशनल और रिटेल बिजनेस ट्रेंट को नई पहचान दिलाई

टाटा इंटरनेशनलः टाटा ग्रुप में नोएल की पारी 1999 से शुरू होती है। वे टाटा इंटरनेशनल के चेयरमैन हैं। उनके नेतृत्व में अगस्त 2010 से नवंबर 2021 तक कंपनी ने जबरदस्त ग्रोथ देखी। इन 11 वर्षों के दौरान कंपनी की आय 4,205 करोड़ रुपए से बढ़कर 25,230 करोड़ रुपए से ऊपर निकल गई।

ट्रेंट लिमिटेडः नोएल ने टाटा ग्रुप के रिटेल बिजनेस को ऊंचाई दी है। वेस्टसाइड, स्टार बाजार और जुडियो को पहचान दिलाई। ग्लोबल ब्रांड जारा और मासिमो दुत्ती को जोड़ा। वे 2014 से इसके चेयरमैन हैं। वित्त वर्ष 2023- 24 में कंपनी की आय 12,669 करोड़ रही। इस दौरान कंपनी के शेयर 6,000% चढ़े हैं। साथ ही, वे बीते वर्षों में टाटा स्टील और टाइटन के वाइस चेयरमैन भी बनें।

कंपनी व्यवस्थित है और अच्छा कर रही, ऐसे में नोएल की भूमिका सीमित होगी

नोएल की नियुक्ति पर बाजार विश्लेषकों का कहना है कि इससे बाजार में आत्मविश्वास बढ़ेगा, क्योंकि रतन टाटा के निधन के बाद टाटा परिवार के ही किसी सदस्य ने फिर से कमान थामी है। मार्केट एनालिस्ट अंबरीश बालिगा कहते हैं कि जब 1991 में जेआरडी टाटा के बाद रतन टाटा ने विजनेस संभाला था, तब उनको अपनी पहचान बनानी पड़ी थी। लेकिन अब हालात अलग हैं। सभी ग्रुप का बिजनेस व्यवस्थित हैं। कंपनियां अच्छा कर रही हैं। ऐसे में बड़े बदलाव की उम्मीद कम है। स्वतंत्र बाजार विश्लेषक एके प्रभाकर कहते हैं, 'मुझे नहीं लगता कि नोएल ग्रुप की कंपनियों के रोज के कामकाज में हस्तक्षेप करेंगे।'