Business Today: भारत 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर - एसएंडपी

Business Today: भारत 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने एक रिपोर्ट में यह बात कही। एजेंसी ने हालांकि कहा कि बढ़ती जनसंख्या बुनियादी सेवा का दायरा बढ़ाने में बढ़ती चुनौतियों को प्रस्तुत करती है और उत्पादकता बनाए रखने के लिए निवेश की बढती जरूरतें भी सामने आती हैं। रिपोर्ट में कहा कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं की अगले दशक और उससे आगे के लिए उच्च महत्वाकांक्षाएं हैं। वर्तमान में 3,600 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था भारत का लक्ष्य 2047 तक 30 हजार
अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है। भारत इस समय दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था है। एसएंडपी ने कहा कि भारत अगले 3 साल में सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है और 2030 तक वैश्विक स्तर पर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। निवेश बैंकिंग कंपनी जेपी मॉर्गन के 'सरकारी उभरते बाजार बॉन्ड सूचकांक' में 2024 में इसका प्रवेश अतिरिक्त सरकारी वित्तपोषण प्रदान कर सकता है और घरेलू पूंजी बाजारों में महत्वपूर्ण संसाधनों तक पहुंच बना सकता है।
एसएंडपी ने कहा कि इसके अलावा, 2035 तक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित हो जाएगा, जबकि इंडोनेशिया और ब्राजील क्रमशः 8वें
और नौवें स्थान पर होंगे। इसमें कहा गया है कि भारत ने अपने पूंजीगत व्यय को बढ़ाकर अपने कमजोर राजकोषीय क्षमता को सुधारने के लिए भी कदम उठाए हैं, जिससे दीर्घकालिक वृद्धि को और अधिक समर्थन मिलेगा।
2035 तक जीडीपी की औसत वृद्धि दर 4.06% रहेगी
एसएंडपी ने अपनी 'उभरते बाजारों पर भविष्य की नजरः एक निर्णायक दशक' रिपोर्ट में कहा कि उभरते बाजार अगले दशक में वैश्विक अर्थव्यवस्था को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। जहां 2035 तक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की औसत वृद्धि दर 4.06 प्रतिशत रहेगी, वहीं उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के लिए यह दर 1.59 प्रतिशत रहेगी। साल 2035 तक उभरते बाजार वैश्विक आर्थिक वृद्धि में लगभग 65 प्रतिशत का योगदान देंगे। इस वृद्धि में मुख्य रूप से एशिया-प्रशांत क्षेत्र की उभरती अर्थव्यवस्थाओं का योगदान होगा। इनमें चीन, भारत, वियतनाम और फिलिपीन शामिल हैं।