आयकर विभाग करेगा अब बड़े नगद लेनदेन की जांच, क्या आपने भी किया है इतना लेनदेन तो हो जाइए सावधान।
CBDT ने कहा है कि आयकर विभाग बड़े लेनदेन जैसे की होटल ,लग्जरी ब्रांड की बिक्री अस्पताल और आईवीएफ क्लिनिक जैसे व्यवसायिक क्षेत्र में बड़े पैमाने पर नगद लेनदेन की जांच करें। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने आयकर विभाग से कहा है कि यह जांच गैर जरूरी हस्तक्षेप के बिना की जाए।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT )
की ओर से हाल ही में जारी केंद्रीय कार्य योजना(cap) 2024 -25 में आयकर विभाग से कहा गया है कि बकाया मांगों की वसूली के लिए एक ठोस प्रयास किए जाएं।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि वित्तीय संस्थानों के 200000 रुपए से अधिक के नगद राशि के लेनदेन को वित्तीय लेनदेन के(sft) विवरण के जरिए बताना आवश्यक है।
परंतु ऐसा नहीं होने के कारण ऐसी रिपोर्ट की जांच करने पर यह पाया गया है कि इन प्रावधानों का उल्लंघन व्यापक रूप से हो रहा है।
CAP मैं बताया गया है
कि उसे मूल्य वाले उपभोग व्यय को कर डाटा के बारे में जानकारी के साथ सत्यापित करना आवश्यक है।
और इसके बाद आयकर की धारा 139a की अधीन लेनदेन में पेन प्रदान करना या प्राप्त करना आवश्यक है.
परंतु इस नियम के पालन का निर्धारण करने के लिए कोई रिपोर्टिंग या किसी प्रकार के सत्यापन तंत्र नहीं रखा गया है।
आयकर विभाग ने
होटल, डिज़ाइनर कपड़ों के शोरूम, बैंक्वेट हाल अस्पताल, आईवीएफ क्लिनिक, लग्जरी ब्रांड के खुदरा विक्रेता और एनआरआई कोटा वाले मेडिकल कॉलेज सीटों की पहचान की है। जहां पर इन नियमों का पालन नहीं हो पा रहा है और बड़ा नगदी लेनदेन भी हो रहा है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अर्थव्यवस्था में नकदी की मात्रा का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान आयकर विभाग ने देशभर में 1,100 तलाशी या छापे मारे। इनमें लगभग 2,500 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई, जिसमें से 1,700 करोड़ रुपये नकद थे।
बोर्ड ने कहा कि आयकर विभाग को वित्त वर्ष 2023-24 के मुकाबले चालू वित्त वर्ष में आयकर रिटर्न (आइटीआर) दाखिल करने वालों की संख्या में 10 प्रतिशत की वृद्धि करने का लक्ष्य दिया है।
बोर्ड ने पिछले वर्षों में बकाया मांग के आंकड़ों में वृद्धि पर भी चिंता जताई है। एक अप्रैल 2023 को 24,51,099 करोड़ रुपये का बकाया था, जो एक अप्रैल 2024 को बढ़कर 43,00,232 करोड़ रुपये हो गया है।