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गेहूं कीमतों में बढ़ोतरी करने के लिए स्टाक लिमिट घटाई

गेहूं कीमतों में बढ़ोतरी करने के लिए स्टाक लिमिट घटाई
 
गेहूं कीमतों में बढ़ोतरी

कीमतों में बढ़ोतरी रोकने के लिए केंद्र ने गेहूं की स्टाक होल्डिंग सीमा को कड़ा कर दिया है। प्रतिबंध अगले साल 31 मार्च तक लागू रहेंगे। अब व्यापारी और थोक विक्रेता 2,000 टन तक स्टाक कर सकेंगे जबकि पहले यह सीमा 3,000 टन थी।

बड़ी चेन खुदरा विक्रेता 'प्रत्येक आउटलेट में 10 मीट्रिक टन और अपने सभी डिपो में (कुल आउटलेट की संख्या का 10 गुना) तक गेहूं स्टोर कर सकते हैं।' इससे पहले आउटलेट की संख्या के आधार पर गेहूं स्टाक करने पर कोई प्रतिबंध नहीं था। खुदरा विक्रेताओं के लिए स्टाक सीमा को 10 टन पर बरकरार रखा गया है। सभी संस्थाओं को नियमित रूप से स्टाक घोषित करना होगा। नए मानदंडों का पालन करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है।
इसलिए लिमिट लगाई गई
बताया कि हाल ही में मीडिया में आई खबरों के मद्देनजर स्टॉक सीमा लगाई गई है, जिन खबरों में गेहूं सहित आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि की बात कही जा रही है। उन्होंने बताया कि स्टॉक सीमा को जमाखोरी कम करने के लिए लगाया गया है। यह भी कहा कि खुदरा कीमतों पर नजर रखने के लिए कई उपकरण हैं और स्टॉक सीमा उन्हीं में से एक उपकरण है।