देश में सोने की खपत 18 प्रतिशत बढ़कर 248 टन, इसमें 69% हिस्सेदारी गहनों की जुलाई-सितंबर में ₹1.65 लाख करोड़ का सोना बिका, सालाना 52% उछाल

सोना 79 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम से ऊपर निकलने के बावजूद देश में इसकी मांग बढ़ रही है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक, इस साल जुलाई-सितंबर के दौरान भारत में सोने की मांग 18% बढ़कर 248.3 टन हो गई। गहनों की खपत और सोने में निवेश बढ़ना इसकी वजह रही।
2024 में अब तक सोने की कीमत में करीब 25% उछाल का असर भी नजर आया। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की 'गोल्ड डिमांड ट्रेंड्स' रिपोर्ट में कहा गया है कि बीती तिमाही वैल्यू के हिसाब से भारत में सोने की मांग 52% बढ़कर 1.65 लाख करोड़ रुपए हो गई। जुलाई-सितंबर 2023 में भारतीय बाजार में 1.08 लाख करोड़ के सोने की बिक्री हुई थी। बीती तिमाही पूरी दुनिया में गोल्ड डिमांड 35% बढ़कर पहली बार 100 अरब डॉलर (8.41 लाख करोड़ रुपए) से ऊपर निकल गई। वजन में सोने की वैश्विक मांग 5% बढ़कर रिकॉर्ड 1,313 टन हो गई।
सोने की कीमत बढ़ने की उम्मीदः निवेश के लिए गोल्ड डिमांड 41 फीसदी बढ़ी
रिपोर्ट के मुताबिक, बीती तिमाही भारत में निवेश के लिए गोल्ड की डिमांड 41 फीसदी बढ़कर 76.7 टन हो गई। यह जुलाई-सितंबर में 2012 के बाद निवेश के लिए सोने की रिकॉर्ड डिमांड है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीयों को लगता है कि सोने की कीमतें अभी और बढ़ेंगी, जैसा कि हाल के वर्षों में देखा गया है। इसे देखते हुए नए निवेशक भी गोल्ड मार्केट में उतर रहे हैं। नतीजतन गोल्ड में निवेश बढ़ रहा है।
खास ट्रेंडः आरबीआई ने गोल्ड रिजर्व 13 टन बढ़ाया, अन्य केंद्रीय बैंकों ने 49% कम खरीदा
गोल्ड के मामले में भारतीय केंद्रीय बैंक का रुख बाकी दुनिया से उलट नजर आ रहा है। रिजर्व बैंक ने जुलाई-सितंबर तिमाही में अपना गोल्ड रिजर्व 13 टन बढ़ा लिया। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक, भारतीय केंद्रीय बैंक ने इस दौरान हर महीने गोल्ड रिजर्व में इजाफा किया। इसके चलते 30 सितंबर तक आरबीआई के पास कुल रिजर्व बढ़ 854 टन हो गया। आरबीआई ने गोल्ड रिजर्व ऐसे समय बढ़ाया है, जब दुनियाभर के के केंद्रीय बैंकों ने सोने की खरीदारी 49% घटाई है।
बीती तिमाही सोने के गहनों की खपत में 10 फीसदी इजाफा
'गोल्ड डिमांड ट्रेंड्स' रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान देश में सोने के गहनों की खपत करीब 10 फीसदी बढ़कर 171.6 टन हो गई। इसका मतलब है कि कुल गोल्ड डिमांड में गहनों की हिस्सेदारी करीब 69 फीसदी रही। इसमें शादियों के लिए गहनों की मांग शामिल है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (इंडिया) के सीईओ सचिन जैन ने कहा, 'जुलाई में सोने पर आयात शुल्क 9 फीसदी घटने के बाद से गहनों की मांग में उछाल आया। तीसरी तिमाही में 20 माही में 2015 के बाद गहनों की सबसे मजबूत डिमांड देखी गई।'
दिसंबर तक बढ़ेगी मांगः इस साल 750 टन तक पहुंच सकती है सोने की खपत
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक, भारत में इस साल सोने की मांग 700 से 750 टन के बीच रह सकती है। यह 2020 के बाद सबसे कम गोल्ड डिमांड होगी। 2023 में सोने की मांग 761 टन रही थी। वैसे साल के आखिरी तीन महीनों के दौरान भारत में सोने की मांग अमूमन बढ़ जाती है, क्योंकि शादियों के साथ ही दशहरा, धनतेरस और दिवाली जैसे त्योहारों में सोने की खरीदारी तेजी से बढ़ती है।