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पिछले 30 महीने से भारत में पहली बार लोन से ज्यादा बढ़ा बैंक में डिपॉजिट

पिछले 30 महीने से भारत में पहली बार लोन से ज्यादा बढ़ा बैंक में डिपॉजिट
 
 बैंक में डिपॉजिट

करीब 30 महीने बाद बैंकों में डिपॉजिट लोन से ज्यादा बढ़े। रिजर्व बैंक के मुताबिक, 18 अक्टूबर को खत्म पखवाड़े में बैंक डिपॉजिट सालाना 11.74% बढ़कर 218.07 लाख करोड़ हो गई। दूसरी तरफ लोन के उठाव 11.52% बढ़कर 172.38 लाख करोड़ रुपए का रहा। 4 अक्टूबर को खत्म पखवाड़े में डिपॉजिट ग्रोथ 11.8% और क्रेडिट ग्रोथ 12.77% थी। इससे पहले 25 मार्च, 2022 को खत्म पखवाड़े में लोन ग्रोथ, डिपॉजिट ग्रोथ से ज्यादा थी। एक समय दोनों के बीच अंतर 7% तक पहुंच गया था।

बैंकिंग सेक्टर में अमूमन लोन बढ़ने की रफ्तार डिपॉजिट बढ़ने से ज्यादा होती है। लेकिन बीते पखवाड़े के आंकड़े यह ट्रेंड पलटने का संकेत दे रहे हैं। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में बैंकों को फंड जुटाने और लोन-डिपॉजिट ग्रोथ के बीच अंतर कम करने की नई रणनीति अपनाने को कहा था। इसके बाद बैंकों ने डिपॉजिट की ब्याज दरें बढ़ाई। इसके चलते डिपॉजिट बढ़ने लगी, खास तौर पर प्राइवेट बैंकों ने इस मामले में आक्रामकता दिखाई।

बैंक जमा एलोकेशन 2020 में 53% था, 11% घटकर 42 फीसदी पर आया

* शेयर बाजार में तेजी के चलते बैंकों के लिए डिपॉजिट बढ़ाना चुनौतीपूर्ण है। घरेलू बचत का पैसा शेयर बाजार जा रहा है। लोग सीधे और म्यूचुअल फंड के माध्यम से निवेश कर रहे हैं।

* इक्विटी, म्यूचुअल फंड और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज में घरेलू एसेट्स का एलोकेशन 2020 में 15% था। 2024 तक यह 10% बढ़कर 25% के स्तर पर पहुंच गया है।

* बैंक डिपॉजिट का एलोकेशन 2020 में 53% के स्तर पर था। इस साल यह 11% घटकर 42% पर आ गया। फिक्सड डिपॉजिट में एलोकेशन 28% से घटकर 23% के स्तर पर आ गया है।

* बचत खातों में निवेश 2014 में 22% था, इस साल 17% रहा। एचडीएफसी के एचडीएफसी बैंक में मर्जर के बाद बैंक का क्रेडिट डिपॉजिट अनुपात 100% हो गया, जो पहले 85% था।