ईएमआई और मासिक आय का अनुपात 2020 के 46% से बढ़कर 61% हुआ,घर 4 साल में 46% महंगे
चार साल में मकानों के दाम औसतन 46 फीसदी बढ़ गए हैं। हैदराबाद में घरों की कीमत सबसे ज्यादा 78.6 फीसदी बढ़ी है। इस मामले में दूसरे स्थान पर दिल्ली से सटा शहर नोएडा रहा, जहां मकान 69 फीसदी महंगे हो गए हैं। इसके चलते देशभर में प्रॉपर्टी की कीमत और सालाना घरेलू आय का अनुपात भी बढ़ गया है। 2020 में घरेलू आय के मुकाबले घरों की औसत कीमत 6.6 गुनी थी, जो 2024 में बढ़कर 7.5 गुनी हो गई। यह ग्लोबल बेंचमार्क 5 फीसदी
के मुकाबले ढाई गुना है। हाल के वर्षों में देश में ईएमआई और परिवारों की मासिक आय का अनुपात भी बढ़ा है। यह 2020 के 46 फीसदी की तुलना में बढ़कर 61 फीसदी हो गया। इसका मतलब है कि हाल के वर्षों में प्रॉपर्टी के दाम घरेलू आय के मुकाबले ज्यादा तेजी से बढ़े हैं। इस मामले में मुंबई और दिल्ली सबसे महंगे हाउसिंग मार्केट हैं।
देश में महंगे मकानों की डिमांड ज्यादा तेजी से बढ़ रही है। 40 करोड़ रुपए से ज्यादा कीमत के अल्ट्रा लग्जरी मकानों की बिक्री इसका संकेत दे रही है। प्रॉपर्टी कंसल्टेंट एनारोंक के मुताबिक, 2024 के पहले 8 महीनों में मुंबई, हैदराबाद, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के गुरुग्राम और बेंगलुरु जैसे मेट्रो शहरों में 25 अल्ट्रा लक्जरी मकान बिके। इनकी कुल कीमत 2,443 करोड़ रुपए रही। इन 25 मकानों में 20 हाई- एंड अपार्टमेंट 1,694 करोड़ रुपए में और 5 स्वतंत्र बंगले 748.5 करोड़ रुपए में बिके। गुरुवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश में अल्ट्रा लक्जरी मकानों के 80 फीसदी खरीदार उद्योगपति हैं। इनमें से 12 फीसदी अलग-अलग सेक्टरों के सीनियर प्रोफेशनल हैं। शेष 8 फीसदी बॉलीवुड सेलेब्रिटीज, बड़े वकील और डॉक्टर हैं। एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, 'अक्टूबर से दिसंबर तक त्योहारी सीजन में मकानों की बिक्री बढ़ने की उम्मीद है। साल खत्म होने से पहले अल्ट्रा लग्जरी मकानों की बिक्री तेजी से बढ़ सकती है।
अल्ट्रा लग्जरी घरों में एक मकान की औसत कीमत 170 करोड़ रुपए से भी ज्यादा
अगस्त तक बिके 25 अल्ट्रा लग्जरी घरों में से 9 मकान 100 करोड़ से भी ज्यादा कीमत के थे। इनकी बिक्री से बिल्डर्स को 1,534 करोड़ रुपए मिले। यानी एक मकान औसतन 170 करोड़ से ज्यादा में बिका। पूरे 2023 में 1,720 करोड़ रुपए में ऐसे 10 घर बिके थे।
मुंबई और इससे सटे इलाके (एमएमआर) में लोगों की मासिक आय के मुकाबले ईएमआई का बोझ 116% तक पहुंच गया है।
नई दिल्ली में मासिक आय के मुकाबले ईएमआई का बोझ 82% है। दिल्ली से ही सटे गुरुग्राम शहर और हैदाराबाद में यह 61% है।
देश के कुल रोजगार में तकरीबन 20% हिस्सेदारी हाउसिंग सेक्टर की है। कोविड के बाद से यह सेक्टर तेज ग्रोथ देख रहा है।