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गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटाया

गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटाया
 
white rice

केंद्र सरकार ने गैर- बासमती सफेद चावल के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटा दिया है। साथ ही 490 डालर प्रति टन की न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) सीमा लागू की गई है। घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार ने 20 जुलाई 2023 को गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है।

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने शनिवार को एक अधिसूचना में कहा कि यह फैसला तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है। चावल का स्टाक बढ़ने और नई फसल के कटाई के लिए तैयार होने को देखते हुए सरकार ने यह फैसला किया है। इससे पहले शुक्रवार रात को सरकार ने उसना (उबले) चावल के निर्यात पर शुल्क को 20 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत करने की घोषणा की थी।

दिल्ली के एक कारोबारी ने बताया कि इस फैसले से न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि वैश्विक बाजार में भारत की स्थिति भी मजबूत होगी। चावल निर्यातकों के एसोसिएशन के प्रेसिडेंट बीवी कृष्ण राव का कहना है कि उसना चावल पर निर्यात शुल्क 10 प्रतिशत करने और 490 डालर प्रति टन की एमईपी लागू करने से वैश्विक बाजार में भारत का सफेद चावल काफी प्रतिस्पर्धी हो जाएगा।

कृषि मंत्रालय के डाटा के अनुसार, अब तक 10.21 करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र में धान की बोआई हो चुकी है जो पिछले पांच वर्षों के औसत 9.90 करोड़ हेक्टेयर से ज्यादा है।

निर्यात के लिए 490 डालर प्रति टन की न्यूनतम मूल्य सीमा तय की गई, उसना चावल के निर्यात पर भी शुल्क घटाया गया