बारिश के बाद किसानो की बड़ी चिंता नरमा और कपास की फसल हो रही है दिन प्रति दिन नष्ट
नरमा और कपास की फसल को लेकर किसान बहुत ज्यादा चिंतित है और हर रोज बारिश होने के कारण नरमा और कपास की फसल के अंदर गुलाबी सुंडी तथा उखेड़ा जैसा रोग आने के कारण दिन प्रति दिन नरमा और कपास की फसल बर्बाद हो रही है ऐसे में अब किसानो के चेहरे पर मायूसी छा गई हैं
गुलाबी सुंडी के प्रकाप से हो रही नरमा कपास की फसल बर्बाद
बता दें कि बारिश के बाद नरमा और कपास की फसल के अंदर हरा तेला गुलाबी सुडी पैराविल्ट या उखेड़ा रोग व जड़ गलन रोग की समस्या हो रही है तो ऐसे में किसानों को घबराए नहीं बल्कि उन्हें कृषि सलहाकार से सलाह लेकर फसल में फैली बीमारी को रोकने की आवश्यकता है। इसके लिए चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक एडवाइजरी जारी की है जिसमे गुलाबी सुंडी से लेकर हरा तेला थरिपस जैसे कई रोगों के रोकथाम का उपाय बताया हैं
चौधरी चरण सिह विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक हर रोज किसनो की फसलों का निरीक्षण कर रहे हैं और फसल में आने वाली समस्याओं की गहनता से निगरानी करते हुए किसानों की समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। इन दिनों कपास की फसल में हरा तेला का प्रकाप ज़्यादा दिखआई दे रहा है जिससे नरमे के पौधों की पतियां किनारों से पीली होकर नीचे की तरफ मुडऩे लगती हैं और बाद में पत्तियों पर पीलापन लगने जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं
नरमे की फसल को हरा तेला नामक बीमारी से बचाने के लिए करें इस पेस्टिसाइड का छिड़काव
नरमे की फसल को हरा तेला की रोकथाम के लिए किसान को 40 मिलीलीटर इमिडाक्लोप्रिड तथा कांफीडोर 200 एमएल या 40 ग्राम मेलाथियान ओर एकतारा 25 डब्लूजी को 150-175 लीटर पानी मे अच्छी तरह से मिलाकर प्रति एकड़ के हिसाब से छिडक़ाव करें ओर इसी प्रकार अगर जड़ गलन रोग खेत में कहीं-कहीं दिखाई देता है तो इसमें शुरूआती दीनो में पौधे का ऊपरी हिसां मुरझाने लगता हैं और 24 घंटे के अंदर ही पौधा पूर्ण रूप से मुरझा जाता है तो समझो रोग ग्रस्त पौधे की जड़ें गली हुई हैं ओर पौधे के उपर से छाल उतरने लगती है। ऐसे में प्रभावित पौधे के साथ स्वस्थ पौधे को 0.2 प्रतिशत बाविस्टिन के घोल से अच्छी तरह उपचारित करें ओर साथ ही 100 से 200 मिलीलीटर घोल प्रति पौधे की जड़ों में डाल दे ताकी रोग आगे न फेले
नरमा कपास की फसल को उखेड़ा रोग से बचाने के लिए रखें इन बातों का ध्यान
नरमा और कपास की फसल के अंदर अगर उखेड़ा रोग जैसी कोई बीमार है तो चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी हिसार के द्वारा दी गई कुछ हिदायतें नरमा और कपास की फसल के अंदर बारीश का पानी ज़्यादा समय तक खड़ा रहने के कारण एकदम से पौधे मुरझाने की समस्या आ रही है तो 24 से 48 घंटे के अंदर कोवाल्ट क्लोराइड 2 ग्राम 200 लीटर पानी में घोल बनाकर 1 एकड़ में अच्छी तरह से छिड़काव करें
गुलाबी सुडी की रोकथाम के लिए करें इस घरेलु पेस्टिसाइड का प्रयोग
अगर नरमा और कपास की फसल में गुलाबी सुडी का ज्यादा प्रकोप है तो एक एकड़ के अंदर पांच फेरोमोन ट्रैप लगाएं और अगर लगातार तीन रातों तक आठ या आठ से ज्यादा गुलाबी सुंडी के पतंगे मिले तो गुलाबी सुंडी की रोकथाम के लिए स्प्रे करें प्रॉकलम या नीम तेल का भी छिड़काव कर सकते हैं ईस हिसाब से करे तेयार 5 मिली लीटर 5 प्रतिशत निमोलियों का रस 1 ग्राम डिटरजेंट पाउडर प्रति लीटर पानी के हिसाब से तेयार करके छिड़काव करें अच्छा रिजल्ट देखना को मिलेगा