69% घरेलू मार्ग सिर्फ एक एयरलाइन के हवाले, सालभर में 53% तक बढ़ा किराया.
देश के एविएशन सेक्टर में प्रतिस्पर्धा लगातार घट रही है। अप्रैल 2019 में बिना प्रतिस्पर्धा वाले घरेलू हवाई मार्ग 55.2% थे, जो अप्रैल 2024 में बढ़कर 69% हो गए। इसका मतलब है कि इस साल अप्रैल तक कुल 1,083 घरेलू मार्गों में से सिर्फ 31% में एक से ज्यादा कंपनी की फ्लाइट उपलब्ध थीं। इसके चलते एक साल में किराया डेढ़ गुना तक हो गया।
एविएशन एनालिटिक्स फर्म सिरियम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रतिस्पर्धा कम होने से एयरलाइंस आक्रामक तरीके से किराया बढ़ा रही हैं। कई रूटों पर एक साल में किराया 50% से ज्यादा बढ़ गया है। मसलन, दिल्ली-मुंबई रूट पर अप्रैल 2023 के बाद किराए में 34.6% बढ़ोतरी हुई है। दिल्ली-बेंगलुरू रूट पर तो औसत इकोनॉमी क्लास का किराया साल भर में ही 53% बढ़ गया है।
डुओपॉली... 2019 से 2 कंपनियों के बीच सिमटने लगा बाजार, सीटें भरने को किराया घटाने की जरूरत नहीं अप्रैल 2019 में देश की सबसे बड़ी एयरलाइंस इंडिगो के 491 घरेलू हवाई मार्गों में से 33.4% पर कोई प्रतिस्पर्धा नहीं थी। पांच साल बाद इंडिगो के एयर रूट्स की संख्या बढ़कर 838 हो गई। इस दौरान उसके जीरो कॉम्पिटीशन रुट्स भी बढ़कर 61.2% हो गए। एविएशन रिसर्चर और ब्लॉगर अमेय जोशी कहते हैं, 'देश के हर 100 में से 90 रूट्स पर एअर इंडिया और इंडिगो की डुओपॉली है। इससे उन्हें सीटें भरने के लिए किराया कम करने की जरूरत लगभग खत्म हो गई है।'
कंसॉलिडेशन... 2019 से अब तक 7 बड़ी एयरलाइंस बाजार से बाहर, अब सिर्फ आधा दर्जन कंपनियां बचीं हाल के वर्षों में जेट एयरवेज, स्पाइस जेट, किंगफिशर और गो फर्स्ट जैसी 7 एयरलाइंस स्थायी या अस्थायी रूप से बंद हो गई या दूसरी कंपनियों में मर्ज हो गई। अब सिर्फ आधा दर्जन एयरलाइंस बची हैं। इनमें भी केवल दो एयरलाइंस का दबदबा है। घरेलू एविएशन सेक्टर में अब 90% बाजार हिस्सेदारी इंडिगो और एअर इंडिया की हो गई है।