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Haryana news: हरियाणा में दौड़ेगी पहली हाइड्रोजन ट्रेन, वंदे भारत की तरह देगी दिखाई पहला सफर रहेगा जींद से सोनीपत

Haryana news: हरियाणा में दौड़ेगी पहली हाइड्रोजन ट्रेन, वंदे भारत की तरह देगी दिखाई पहला सफर रहेगा जींद से सोनीपत
 

    First hydrogen train will run in Haryana:  जींद जंक्शन के पास बनाया जा रहा है हाइड्रोजन गैस का भंडारण, इस हाइड्रोजन गैस के भंडारण में लगभग 3000 किलोग्राम हाइड्रोजन गैस भंडार किया जा सकता है। इस प्लांट को चलाने के लिए हर रोज 40000 लीटर पानी की जरूरत होगी वही स्टेशन की छत का पानी भी प्लांट तक पहुंचाया जाएगा।

आने वाला नया साल 2025 पर जींद से सोनीपत के बीच देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन दौड़ेगी जींद जंक्शन पर बन रहे हाइड्रोजन प्लांट का कार्य लगभग 70 से 80 परसेंट पूरा हो चुका है इसके निर्माण की अंतिम तिथि दिसंबर दी गई है 2 महीने में 20% कार्य पूरा कर दिया जाएगा ट्रायल सफल रहने पर हाइड्रोजन गैस से ट्रेन को चलाया जाएगा यह ट्रेन वंदे भारत की तरह देगी दिखाई।

जानने योग्य बात यह है कि रेलवे जंक्शन पर 118 करोड रुपए की लागत से 2000 मीटर एरिया में हाइड्रोजन गैस प्लांट का निर्माण किया गया है हाइड्रोजन गैस के चलने वाले इंजन धुआ की बजाय भाप और पानी छोड़ेंगे इसकी रफ्तार और यात्रियों को ले जाने की आवश्यकता डीजल से चलने वाली ट्रेन के बराबर होती है यह ट्रेन 1 किलो हाइड्रोजन में करीब 4:30 लीटर डीजल के बराबर माइलेज देने वाली है वही इस ट्रेन का रख रखाव भी डीजल ट्रेन से काफी सस्ता होता है।


इलेक्ट्रिक की तुलना में हाइड्रोजन ट्रेन 10 गुना अधिक दूरी तय कर सकती है। ट्रेन 360 किलोग्राम हाइड्रोजन में 180 किलोमीटर की दूरी तय करेगी ट्रेन में दो पावर प्लांट होंगे हाइड्रोजन से ट्रेन चलाने वाला भारत दुनिया का पांचवा देश होगा ,ईंधन सेल की लागत और रखरखाव भी कम खर्च वाला है ट्रेनों में आवाज नहीं होगी इसलिए इनमें यात्री आरामदायक सफर कर सकेंगे,

जींद जंक्शन पर बने हाइड्रोजन भंडारण की क्षमता 3000 किलो होगी 

जंक्शन के पास बनाए जा रहे प्लांट में लगभग 3000 किलोग्राम हाइड्रोजन गैस का भंडारण किया जा सकता है प्लांट को रोजाना 40000 लीटर पानी की जरूरत होगी वही स्टेशन की छत का भी प्लांट के साथ कनेक्शन कर दिया गया है हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन 8से10 डिबो की होने वाली है यह हाइब्रिड ट्रेन होगी।
हाइड्रोजन ट्रेन में अक्षय ऊर्जा भंडारण जैसे बैटरी या सुपर कैपेसिटी लगे होंगे। इंजन में डीजल की जगह फ्यूल सेल हाइड्रोजन और ऑक्सीजन डाली जाएगी ऑक्सीजन की मदद से हाइड्रोजन नियंत्रित ढंग से जलेगी और इस ताप से बिजली पैदा होगी बिजली लिथियम आयन बैटरी को चार्ज करेगी जिससे ट्रेन चलेगी इस दौरान धुएं की जगह सिर्फ भाप और पानी ही बाहर निकलेगा।
जिस कारण इस ट्रेन से किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं होगा