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UPS के तहत केंद्र सरकार पर OPS से क्या कम वित्तीय भार पड़ेगा।

UPS के तहत केंद्र सरकार पर OPS से क्या कम वित्तीय भार पड़ेगा।
 
ops-ups:ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) के बढ़ते भार को देखते हुए केंद्र सरकार ने वर्ष 2004 में नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) की शुरुआत की थी, ताकि बढ़ते आर्थिक बोझ को कम किया जा सके। वर्ष 1991 में केंद्र का पेंशन बिल 3,272 करोड़ रुपये तो राज्य का 3,131 करोड़ का था। 2020-21 में पेंशन बिल 1,90,886 करोड़ और राज्यों का बिल 3,86001 करोड़ हो गया। NPS के तहत पेंशन फंड में सरकार 14 प्रतिशत देती है, तो कर्मचारी वेतन व महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत योगदान देता है। यूपीएस में 10 प्रतिशत कर्मचारी तो 18.5 प्रतिशत सरकार योगदान देगी।

सूत्रों के मुताबिक, कर्मचारी इस 28.5 प्रतिशत में से 20 प्रतिशत फंड को मैनेज कर सकेगा, बाकी के 8.5 प्रतिशत फंड को सरकार अपने हिसाब से मैनेज करेगी। इस वजह से भविष्य में सरकार पर पेंशन का भार कम आएगा। ओपीएस में इस प्रकार के फंड की व्यवस्था नहीं थी। यूपीएस में नौकरी के अंतिम वर्ष के औसत वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में तय होगा, जबकि ops में अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत तय था। यहां पर थोड़ा अंतर है, क्योंकि अंतिम वर्ष में प्रमोशन मिलने पर वेतन अगर बढ़ जाता है, तो पेंशन उस साल के औसत वेतन का 50 प्रतिशत तय होगा। - NPS में पेंशन की सीमा तय नहीं थी। यह राशि कुछ भी हो सकती थी।