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केंद्र सरकार ने दो नई रेल लाइनों के निर्माण को दी मंजूरी और 14 बनवाएंगे नए रेलवे स्टेशन।

केंद्र सरकार ने दो नई रेल लाइनों के निर्माण को दी मंजूरी और 14 बनवाएंगे नए रेलवे स्टेशन।
 

केंद्र सरकार द्वारा बुधवार को रेलवे की तीन परियोजनाओं को मंजूरी दे दी गई है उड़ीसा, झारखंड ,बंगाल एवं छत्तीसगढ़ के सात जिलों से होकर गुजरने वाली इन परियोजनाओं की लागत 6 ,456 करोड रुपए होगी इन्हें 2028-29तक पूरा कर दिया जाएगा।


कैबिनेट की बैठक के बाद अश्वनी वैष्णव ने कहा है कि रेलवे के मौजूदा नेटवर्क 300 किलोमीटर का इजाफा होगा और 14 नए स्टेशन बनाए जाएंगे जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे रेल यात्रा सहज होंगे माल ढुआई की लागत में भी कमी आएगी।


विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड के केंद्र सरकार ने चुनाव से पहले जमशेदपुर,पुरुलिया,आसनसोल रेल रूट की मल्टी ट्रैकिंग को मंजूरी दे दी है यह झारखंड के लिए एक बड़ी खुशखबरी है 121 किमी लंबी रेल लाइन पर 21,69 करोड रुपए की लागत आएगी दो अन्य लाइन में बरगढ़ से नवापाड़ा तक 138 किमी में नई लाइन पर 29 ,26 करोड रुपए खर्च होंगे तीसरी लाइन सरडेगा से भालू मुदा तक 37 की मी जिस पर 13,60 करोड रुपए की लागत आएगी।


हरित लक्ष्य प्राप्त करने में मिलेगी सहायता।

नई रेल लाइन कृषि उत्पादन उर्वरक ,कोयला, लोहा ,अयस्क ,इस्पात, सीमेंट ,चुना, पत्थर आदि वस्तुओं के परिवहन को आसान बनाया इसके माध्यम 45 मिलियन टन प्रति वर्ष के अतिरिक्त माल ढुआई  होंगी इस हरित ऊर्जा लक्ष्य को प्राप्त करने में आसानी होंगे क्योंकि इसके सारे कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को 240 करोड़ किलोग्राम तक काम किया जा सकेगा जो 9.7 करोड़ पेड़ उगाने के बराबर होगा।


अश्वनी वैष्णव ने कहा है कि सभी परियोजनाएं पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान के हिसाब से तय की गई है जो लोगों को वस्तुओं एवं सेवाओं की आवाजाई के लिए निबंध सपकर्ता बढ़ाएगी इसमें दो आकांक्षी जिलों नुआपादा एवं पूर्वी सिंहभूम को बेहतर संपर्कता मिलेगी इसमें 13,00 गांव के लगभग 11 लाख लोगों की आवागमन सहज होगी मल्टी ट्रैकिंग योजना से 19 लाख लोगों को कनेक्टिविटी मिलेगी।

रेल सेवा से वंचित इलाकों में पहुंचेगी लाइन।
नई रेल लाइन बिछाने से उन क्षेत्रों को संपर्क में लाया जाएगा जो अभी तक रेल सेवा से वंचित है दुर्धरा क्षेत्र को प्रिंस पर जोड़कर आवागमन क्षमता और मौजूदा लाइन क्षमता बढ़ाने के साथ ही आपूर्ति श्रृंखला को भी स्थापित किया जा सकेगा जिस आर्थिक विकास में तेजी आएगी मल्टी ट्रैकिंग योजना से रेल परिचालक आसान होगा व्यस्त खंडों पर जरूरी बुनियादी ढांचे का विकास होगा और भीड़ कम होगी।