पुरानी पेंशन को लेकर सरकारी कर्मचारियों का बड़ा फैसला OPS सरकार को एक बार फिर देगी टेंशन।
OPS NEWS:पुरानी पेंशन बहाली को लेकर सचिवालय में एक बार फिर से बैठक हुई एन एम ओ पी एस एस अध्यक्ष जीतमणि बेनीवाल ने बताया है कि सरकार ने ओपीएस के स्थान पर यूपीएस योजना लाकर कर्मचारियों को घूमराह किया है।
एनपीएस और यूपीएस में कोई बहुत अधिक फर्क नहीं होता बल्कि कर्मचारियों को और अधिक नुकसान हो रहा है महामंत्री मुकेश रतूड़ी
ने कहा है कि 25 साल की सेवा पर ही यूपीएस का लाभ देने से सब समझा जा सकता है किस तरह कर्मचारियों को जाने का काम किया जा रहा है।
सरकार जितने मेहनत यूपीएस योजना में नियमों को गोल-गोल घूमाने में की है उससे बेहतर सरकार ओपीएस को ही लागू कर देता उन्होंने कहा है कि ब्लॉक और जिला मुख्यालय समेत राज्य स्तर पर आवाज बुलंद की जाएगी विरोध जताने वालों में सचिवालय संघ अध्यक्ष सुनील लाखेड़ा, महासचिव राकेश जोशी ,रेनू ,अनिल उनियाल, जगमोहन सिंह ,रावत ,उर्मिला द्विवेदी ,सूर्य पवार ,मनोज, शांतनु शर्मा, हर्षवर्धन ,अजीत सिंह चौहान ,धीरेंद्र कुमार ,नीरज नौटियाल, अनिल पवार, विकास शर्मा ,देवेंद्र पासवान ,जयप्रकाश, बिजलवान भूपेंद्र सिंह , पूर्ण सिंह राणा ,सुनील तिवारी ,निर्मल सैनी, सुखदेव सैनी, मनोज बरछीवाल, सदाशिव भास्कर आदि मौजूद रहे।
पुरानी पेंशन को लेकर बिजली कर्मचारियों में भेदभाव।
उत्तराखंड में पुरानी पेंशन के मामले में सबसे अधिक भेदभाव बिजली कर्मियों में हो रहा है एक और 2011 तक के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन के दायरे में लाया जा रहा है वही ऊर्जा के तीनों निगम में 2002 बेंच वाले इंजीनियर और कर्मचारी तक पुरानी पेंशन से दूर रखा जा रहा है ऊर्जा निगम ने 2002- 2004 -2005 बड़े पैमाने पर इंजीनियर कर्मचारी भर्ती हुए इन लोगों को ओपीएस का लाभ नहीं मिला जब की उत्तराखंड में अक्टूबर 2005 के बाद पुरानी पेंशन बंद हुई।
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली सूक्त मोर्चा का पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन गुरुवार को जारी है प्रदेश भर के सरकारी विभागों में कर्मचारियों ने काली पट्टी बांध विरोध जताया मोर्चा के प्रदेश पर प्रभारी विक्रम सिह रावत ने कहा है की पुरानी पेंशन कर्मचारियों का अधिकार है सरकार की ओर से नई यूपीएससी स्कीम लाई गई है वह पूरी तरह से कर्मचारियों के विरुद्ध है।